भजनलाल शर्मा पर दबाव: बीजेपी के भीतर असंतोष, सोशल मीडिया पर उठा विरोध का स्वर

जयपुर।राजस्थान की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के भीतर इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के खिलाफ न सिर्फ विपक्ष बल्कि पार्टी के अंदर से ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं। सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे #भजनलाल_हटाओ_राजस्थान_बचाओ जैसे हैशटैग इस अंदरूनी कलह की ओर खुला इशारा कर रहे हैं।

🔹 बीजेपी के भीतर असंतोष के संकेतविश्वस्त सूत्रों के अनुसार, बीजेपी के कुछ वरिष्ठ नेता और विधायक भजनलाल शर्मा के नेतृत्व से खुश नहीं हैं। उनका मानना है कि शर्मा की कार्यशैली न तो जनता से जुड़ पा रही है और न ही संगठनात्मक मजबूती प्रदान कर रही है।पार्टी के अंदर ये चर्चा भी तेज हो गई है कि मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने से ही आगामी पंचायत व निकाय चुनावों में पार्टी को नुकसान से बचाया जा सकता है।

🔹 सोशल मीडिया पर उठा विरोधहाल के दिनों में सोशल मीडिया पर #भजनलाल_हटाओ_राजस्थान_बचाओ ट्रेंड करता देखा गया, जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल है। यह ट्रेंडिंग किसी विपक्षी दल की रणनीति मात्र नहीं बल्कि पार्टी के असंतुष्ट वर्ग की सक्रियता का संकेत भी माना जा रहा है।विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस तरह का असंतोष खुलकर सामने आता है, तो यह सरकार की छवि और स्थिरता दोनों को प्रभावित कर सकता है।

🔹 नेतृत्व पर सवाल क्यों?

1. जनता से दूरी:भजनलाल शर्मा पर आरोप हैं कि वे आम जनता और कार्यकर्ताओं से संवाद बनाने में विफल रहे हैं।

2. विवादित फैसले:कुछ नीतिगत फैसले जैसे एसआई भर्ती प्रक्रिया, आरक्षण मसले, और खनन नीति को लेकर पार्टी और सरकार दोनों पर उंगलियां उठ रही हैं।3. जमीनी स्तर पर असंतोष:कई जिलों से फीडबैक मिला है कि पार्टी कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे उनका मनोबल गिरा है।

🔹 क्या बीजेपी नेतृत्व कोई बड़ा फैसला लेगा?फिलहाल दिल्ली से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन अगर यह असंतोष और तेज हुआ तो पार्टी आलाकमान कोई बड़ा निर्णय लेने से पीछे नहीं हटेगा। राजस्थान में बीजेपी के पास कई वरिष्ठ नेता मौजूद हैं जो मुख्यमंत्री पद की रेस में पहले से ही चर्चा में रहे हैं।

🔹 निष्कर्षभजनलाल शर्मा के लिए आने वाले दिन आसान नहीं हैं। उन्हें न केवल विपक्ष बल्कि अपनी ही पार्टी के भीतर से उठ रहे असंतोष का सामना करना पड़ रहा है। यदि समय रहते उन्होंने विश्वास बहाली की दिशा में कदम नहीं उठाए, तो यह असंतोष भविष्य में उनके नेतृत्व के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है।

रिपोर्ट: TharToday.com न्यूज़ डेस्क

स्थान: जयपुर, राजस्थान