जैसलमेर | राजस्थान के जैसलमेर जिले के बासनपीर गांव में रियासतकालीन वीरों रामचंद्र जी सोढ़ा और हदूद जी पालीवाल की याद में बन रही छतरियों के निर्माण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। यह मामला अब सामाजिक तनाव से आगे बढ़कर राजनीतिक मंच पर चर्चा का केंद्र बन गया है। शिव विधानसभा से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी और बायतु से कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी के बीच तीखी बयानबाजी ने क्षेत्र में सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है। पथराव की घटना और धारा 163 लागू होने के बाद जिला प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया है, लेकिन सामाजिक सौहार्द को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।
छतरी निर्माण से शुरू हुआ विवाद
बासनपीर गांव में रियासतकालीन वीरों रामचंद्र जी सोढ़ा और हदूद जी पालीवाल की छतरियों का पुनर्निर्माण कार्य पिछले कुछ समय से चल रहा था। ये छतरियां सैकड़ों वर्ष पुरानी हैं और स्थानीय समुदाय के लिए ऐतिहासिक व आध्यात्मिक महत्व रखती हैं। जानकारी के अनुसार, 2018 में कुछ असामाजिक तत्वों ने इन छतरियों को क्षतिग्रस्त कर दिया था, जिसके बाद समाज के प्रमुख लोगों और पुलिस की मध्यस्थता से पुनर्निर्माण का कार्य शुरू हुआ।
9 जुलाई 2025 को जब कुछ कारीगर और मजदूर छतरी निर्माण के लिए पहुंचे, तो गांव के कुछ लोगों ने इसका विरोध किया। 10 जुलाई को स्थिति और बिगड़ गई, जब एक समुदाय विशेष की भीड़ ने निर्माण कार्य में शामिल लोगों पर पथराव कर दिया। इस घटना में जुंझार संघर्ष समिति के गणपत सिंह समेत कई लोग घायल हो गए, और एक पुलिसकर्मी को भी चोटें आईं। पथराव के कारण कई वाहनों को नुकसान पहुंचा, और गांव में सांप्रदायिक तनाव जैसे हालात बन गए। पूरे गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया, और जिला प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए धारा 163 लागू कर दी।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पथराव करने वाले 24 लोगों को हिरासत में लिया, जिसमें मुख्य आरोपी हासम खां भी शामिल है। घायलों को जैसलमेर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
रविंद्र सिंह भाटी का हरीश चौधरी पर हमला
निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी, जो शिव विधानसभा से 2023 में सबसे कम उम्र के विधायकों में से एक के रूप में चुने गए, ने इस विवाद में कांग्रेस नेता हरीश चौधरी पर तीखा हमला बोला। भाटी ने बिना नाम लिए चौधरी पर आरोप लगाया कि वे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का इस्तेमाल कर अपनी सियasi रोटियां सेंक रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से अपील करता हूं कि वे अपने असली दुश्मन को पहचानें। कौन आपकी राजनीतिक नेतृत्व को खत्म करने की कोशिश कर रहा है, इस पर विचार करें।”
भाटी ने यह भी जोड़ा कि बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र में सदियों से प्रेम और भाईचारा कायम है, और कुछ लोग सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने 11 जुलाई को अपने समर्थकों के साथ बासनपीर पहुंचकर धरने पर बैठने का फैसला किया और छतरी निर्माण कार्य को समर्थन दिया। इस दौरान उन्होंने प्रशासन से मांग की कि छतरियों का निर्माण कार्य बिना रुकावट के पूरा हो।
हरीश चौधरी का पलटवार और सर्व धर्म प्रार्थना सभा
कांग्रेस नेता और बायतु विधायक हरीश चौधरी ने इस मामले में बीजेपी पर सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने थार क्षेत्र की एकता और भाईचारे को बनाए रखने के लिए 19 जुलाई को बासनपीर में गांधी रामधुन और सर्व धर्म प्रार्थना सभा आयोजित करने की घोषणा की। चौधरी ने स्थानीय लोगों से इस सभा में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने का आह्वान किया, ताकि शांति और एकता का संदेश दिया जा सके।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह आयोजन क्षेत्र में बढ़ते तनाव को कम करने और सामुदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने का प्रयास है। चौधरी ने बीजेपी और भाटी पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग इस विवाद को सियासी रंग देकर समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।
बीजेपी का समर्थन और धरना
विवाद के बाद बीजेपी नेताओं ने छतरी निर्माण के समर्थन में बासनपीर में प्रदर्शन किया। 10 जुलाई को हजारों की संख्या में लोग इस आह्वान पर जुटे। अगले दिन, रविंद्र सिंह भाटी भी अपने समर्थकों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और धरने पर बैठे। इस दौरान उन्होंने बीजेपी नेताओं का साथ दिया, जिससे क्षेत्र में सियासी माहौल और गर्म हो गया। पोकरण विधायक प्रतापपुरी ने भी इस मामले में भाटी का समर्थन करते हुए शांति और निर्माण कार्य जारी रखने की अपील की।
हालांकि, इस घटना ने स्थानीय समुदाय में डर का माहौल पैदा कर दिया है। स्कूली बच्चों में भय के कारण कई बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं, और शिक्षक उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।
सामाजिक और सियासी प्रभाव
बासनपीर का यह विवाद अब सामाजिक तनाव से आगे बढ़कर एक सियासी जंग का रूप ले चुका है। रविंद्र सिंह भाटी, जो पहले बीजेपी से जुड़े थे लेकिन 2023 में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में शिव विधानसभा से जीते, इस मामले में बीजेपी के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। वहीं, हरीश चौधरी, जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राजस्व मंत्री हैं, इस मुद्दे को शांति और एकता के दृष्टिकोण से उठा रहे हैं।
यह विवाद बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र की सियासत में एक नया मोड़ ला सकता है, जहां भाटी और चौधरी दोनों ही प्रभावशाली नेता हैं। भाटी की युवा अपील और चौधरी का संगठनात्मक अनुभव इस मामले को और जटिल बना रहा है। सामाजिक सौहार्द को लेकर दोनों नेताओं के बयानों ने क्षेत्र में चर्चा को और तेज कर दिया है।
प्रशासन की कार्रवाई और भविष्य
जिला प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए धारा 163 लागू की है और भारी पुलिस बल तैनात किया है। पुलिस ने पथराव के आरोपियों को हिरासत में लिया है, और स्थिति अब सामान्य बताई जा रही है। छतरी निर्माण कार्य भी शांतिपूर्वक जारी है।
हालांकि, इस घटना ने सामुदायिक तनाव और सांस्कृतिक धरोहरों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रशासन को दोनों समुदायों के बीच मध्यस्थता करनी चाहिए और छतरी निर्माण के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने चाहिए। साथ ही, सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।