जयपुर | राजस्थान सरकार और निजी अस्पतालों के बीच लंबे समय से चले आ रहे भुगतान विवाद का समाधान हो गया है। राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) के तहत निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा अब निर्बाध रूप से जारी रहेगी। सरकार ने 60 दिनों के भीतर बकाया भुगतान पूरा करने का आश्वासन दिया है, जिसके बाद निजी अस्पतालों ने 15 जुलाई से इलाज बंद करने की अपनी घोषणा वापस ले ली है। यह निर्णय लाखों सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके परिवारों के लिए राहत की सांस लेकर आया है।
विवाद की पृष्ठभूमि
RGHS योजना, जो 2021 में शुरू की गई थी, सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स, विधायकों और पूर्व विधायकों को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करती है। इस योजना के तहत लाभार्थी सरकारी और अनुमोदित निजी अस्पतालों में बिना नकद भुगतान के इलाज करवा सकते हैं। लेकिन हाल के महीनों में, निजी अस्पतालों ने सरकार पर 980 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान में देरी का आरोप लगाया था। राजस्थान अलायंस ऑफ हॉस्पिटल्स (RAHA) ने दावा किया कि सात महीने से भुगतान लंबित होने के कारण अस्पतालों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते, निजी अस्पतालों ने RGHS के तहत कैशलेस इलाज बंद करने की चेतावनी दी थी, जिससे लगभग 67 लाख लाभार्थियों पर असर पड़ सकता था।
सरकार और अस्पतालों की वार्ता
14 जुलाई 2025 को जयपुर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ की अध्यक्षता में एक अहम बैठक हुई। इस बैठक में RAHA और प्राइवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स सोसाइटी के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। चर्चा में भुगतान में देरी, क्लेम प्रक्रिया में अस्पष्टता और नियमों की जटिलता जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। कई घंटों की बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिसने संकट को टाल दिया।
सहमति के प्रमुख बिंदु
- तेजी से भुगतान: सरकार ने वादा किया है कि 31 मार्च 2025 तक के सभी बकाया भुगतानों को 31 जुलाई 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। बजट की उपलब्धता के आधार पर भुगतान 45 से 60 दिनों में किए जाएंगे।
- पारदर्शी नियम: RGHS के तहत चिकित्सा सुविधाओं के लिए स्पष्ट मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की जाएगी। इसमें निजी अस्पतालों की सलाह को शामिल किया जाएगा ताकि नियमों में पारदर्शिता बनी रहे।
- निरंतर संवाद: भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए सरकार और अस्पतालों के बीच नियमित बैठकों का आयोजन होगा।
- AI-आधारित निगरानी: क्लेम प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने के लिए AI-आधारित क्यूसीपीए सेल को मजबूत किया जाएगा, जो फर्जी बिलों की जांच में मदद करता है।
लाभार्थियों के लिए राहत
इस सहमति से RGHS के तहत लाभान्वित होने वाले 13.5 लाख परिवारों को बड़ी राहत मिली है। निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा अब बिना किसी रुकावट के उपलब्ध रहेगी। यह योजना विशेष रूप से उन कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए महत्वपूर्ण है, जो गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए निजी अस्पतालों पर निर्भर हैं।
भविष्य की चुनौतियां
हालांकि यह समझौता एक सकारात्मक कदम है, लेकिन भुगतान प्रक्रिया को समयबद्ध और पारदर्शी बनाए रखना सरकार के लिए चुनौती होगा। छोटे और मध्यम स्तर के अस्पतालों ने पहले भी शिकायत की थी कि भुगतान में देरी के कारण उनकी वित्तीय स्थिति कमजोर हो रही है। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न आए।