जयपुर | राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को जयपुर स्थित मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित नियमित जनसुनवाई में प्रदेशवासियों की समस्याओं को गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ सुना। इस दौरान उन्होंने विभिन्न विभागों से जुड़ी सैकड़ों शिकायतों का त्वरित और संतोषजनक समाधान सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को मौके पर ही निर्देश दिए। जनसुनवाई में सामाजिक न्याय, ग्रामीण विकास, पंचायतीराज, कृषि, गृह, राजस्व, सिंचाई, परिवहन, पशुपालन, नगर विकास, शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल, ऊर्जा और मनरेगा जैसे क्षेत्रों से संबंधित परिवेदनाएं सामने आईं।
संवेदनशीलता के साथ जनसेवा: सीएम शर्मा
मुख्यमंत्री ने कहा, “राज्य सरकार का ध्येय हर नागरिक को बुनियादी सुविधाएं निर्बाध रूप से उपलब्ध कराना है। संवेदनशीलता के साथ जनसेवा हमारा मूल मंत्र है। जनसुनवाई का यह मंच आमजन की समस्याओं के त्वरित समाधान और सुराज की दिशा में एक मजबूत कदम है।” उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे शिकायतों का निस्तारण प्राथमिकता और जवाबदेही के साथ करें। कई मामलों में सीएम ने तत्काल कार्रवाई के आदेश भी जारी किए, जिससे जनता में विश्वास और राहत का माहौल बना।
जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी
इस जनसुनवाई में प्रदेशभर से आए नागरिकों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने भी हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जरूरतमंद व्यक्तियों को तत्काल सहायता और सेवाएं प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने जनसुनवाई को एक प्रभावी मंच बताते हुए कहा कि यह प्रशासन और जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित करता है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे संवेदनशीलता और सक्रियता के साथ जनता की शिकायतों का समाधान करें।
बुनियादी सुविधाओं पर विशेष ध्यान
जनसुनवाई में पेयजल, बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी शिकायतें प्रमुखता से उठीं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इन मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई और नियमित निगरानी के लिए कहा। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि जनता की समस्याओं का समाधान न केवल त्वरित हो, बल्कि दीर्घकालिक और प्रभावी भी हो।
सुराज की दिशा में एक और कदम
यह जनसुनवाई राजस्थान सरकार की उस प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, जिसमें जनता की सेवा और उनके कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि जनसुनवाई जैसे आयोजन प्रशासन को जन-केंद्रित और जवाबदेह बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह मंच न केवल समस्याओं के समाधान का माध्यम है, बल्कि सरकार और जनता के बीच विश्वास का सेतु भी बन रहा है।