लूणकरणसर, बीकानेर |बीकानेर जिले के लूणकरणसर क्षेत्र में एक बार फिर 108 एंबुलेंस सेवा ने अपनी तत्परता और दक्षता से एक नन्हा मेहमान दुनिया में लाने में अहम भूमिका निभाई। कालासर से जामसर जाते समय सवाईसर के पास 24 वर्षीय चावली, पत्नी किशोर, ने एक स्वस्थ पुत्र को जन्म दिया। इस प्रसव प्रक्रिया में 108 एंबुलेंस के पायलट रामभगत कपूरीसर और ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) अजीत गुर्जर ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
क्या है पूरा मामला?
चावली को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू होने पर उनके परिजनों ने तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा को कॉल किया। एंबुलेंस चावली को कालासर से जामसर के स्वास्थ्य केंद्र ले जा रही थी, लेकिन रास्ते में सवाईसर के पास उनकी प्रसव पीड़ा तेज हो गई। स्थिति को भांपते हुए पायलट रामभगत कपूरीसर ने एंबुलेंस को सुरक्षित स्थान पर रोका, और ईएमटी अजीत गुर्जर ने अपने प्रशिक्षण और सूझबूझ से प्रसव प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस दौरान चावली ने एक स्वस्थ बालक को जन्म दिया।
प्रसव के बाद मां और बच्चे को जामसर के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां दोनों की हालत स्थिर और स्वस्थ बताई जा रही है। चावली के परिजनों ने 108 एंबुलेंस कर्मचारियों की त्वरित कार्रवाई और सहायता के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
108 एंबुलेंस: जीवन रक्षक सेवा
यह घटना 108 एंबुलेंस सेवा की ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की पहुंच और प्रभावशीलता को दर्शाती है। प्रशिक्षित कर्मचारियों की तत्परता और समर्पण ने एक बार फिर साबित किया कि इस सेवा ने न केवल जिंदगियां बचाने, बल्कि नई जिंदगियों को दुनिया में लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
स्थानीय लोगों में खुशी की लहर
लूणकरणसर और आसपास के क्षेत्रों में इस घटना ने लोगों के बीच खुशी और गर्व का माहौल पैदा किया है। स्थानीय निवासियों ने रामभगत कपूरीसर और अजीत गुर्जर की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी मेहनत और मानवता ने एक मां और बच्चे की जान बचाई।
देशभर में ऐसी घटनाएं
यह कोई पहला मौका नहीं है जब 108 एंबुलेंस में प्रसव हुआ हो। इससे पहले भी चित्तौड़गढ़, प्रयागराज, किन्नौर और मंदसौर जैसे स्थानों पर 108 एंबुलेंस कर्मचारियों ने कठिन परिस्थितियों में सुरक्षित डिलीवरी सुनिश्चित की है। ये घटनाएं स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व और आपातकालीन सेवाओं की ताकत को रेखांकित करती हैं।