बीकानेर में भारी बारिश का कहर: कॉलोनियों में जलभराव, प्रशासन की नाकामी उजागर

बीकानेर | राजस्थान के बीकानेर शहर में रविवार को हुई ताबड़तोड़ बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। भारी बारिश के कारण शहर की कई कॉलोनियों में गंदा पानी भर गया, जिससे सड़कें तालाब बन गईं और निवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। गंदे पानी को रोकने वाली पाल के टूटने से स्थिति और बिगड़ गई, जिसने स्थानीय प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी।

बारिश ने बिगाड़ी शहर की सूरत

तेज बारिश ने बीकानेर की सड़कों और गलियों को जलमग्न कर दिया। नालों की अपर्याप्त सफाई और जल निकासी की खराब व्यवस्था के कारण पानी सड़कों पर जमा हो गया। कई कॉलोनियों में गंदा पानी घरों के अंदर तक घुस गया, जिससे लोगों का कीमती सामान खराब हो गया। यातायात ठप होने से लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए। स्थानीय निवासियों ने बताया कि बारिश के बाद सड़कों पर कीचड़ और बदबू ने उनके लिए जीना मुहाल कर दिया।

पाल टूटने से बढ़ी मुश्किलें

शहर में गंदे पानी को रोकने के लिए बनाई गई पाल भारी बारिश का दबाव नहीं झेल सकी और टूट गई। इससे आसपास की कॉलोनियों में गंदा पानी फैल गया, जिसने स्थिति को और गंभीर बना दिया। पहले भी बीकानेर में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जहां मिट्टी से बनी पाल बारिश में ढह जाती हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर स्थायी समाधान न करने का आरोप लगाया।

प्रशासन पर उठे सवाल

स्थानीय निवासियों का गुस्सा प्रशासन और नगर निगम के खिलाफ फूट पड़ा। लोगों का कहना है कि हर साल बारिश से पहले बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन हकीकत में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। नालों की सफाई समय पर नहीं होती और अतिक्रमण के कारण जल निकासी के रास्ते अवरुद्ध रहते हैं। बारिश के बाद नगर निगम ने जेसीबी और पॉक्लेन मशीनों के जरिए पाल को ठीक करने की कोशिश की, लेकिन भारी जलभराव के कारण राहत कार्यों में देरी हुई।

स्थानीय लोगों की नाराजगी

बीकानेर के निवासियों ने इस स्थिति को प्रशासन की लापरवाही का नतीजा बताया। एक स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने कहा, “हर साल यही हाल होता है। नाले भरे रहते हैं, पाल टूट जाती है, और हमारा घर-आंगन गंदे पानी से भर जाता है। प्रशासन को चाहिए कि स्थायी समाधान ढूंढे।” एक अन्य निवासी, शीला देवी ने बताया कि उनके घर में पानी घुसने से सामान खराब हो गया और बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कत हुई।

स्थायी समाधान की जरूरत

यह समस्या केवल बीकानेर तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के कई शहरों में बारिश के मौसम में जलभराव एक आम चुनौती बन गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके लिए निम्नलिखित कदम जरूरी हैं:

  • नालों की नियमित सफाई: बारिश से पहले नालों की गहन सफाई और रखरखाव सुनिश्चित किया जाए।
  • अतिक्रमण पर कार्रवाई: नालों और जल निकासी मार्गों पर हुए अवैध निर्माण को हटाया जाए।
  • मजबूत ढांचा: मिट्टी की पाल के बजाय कंक्रीट की दीवारें बनाई जाएं, जो भारी बारिश का सामना कर सकें।
  • जागरूकता अभियान: लोगों को नालों में कचरा न फेंकने के लिए प्रेरित किया जाए।

प्रशासन से उम्मीदें

नगर निगम और जिला प्रशासन ने जलभराव की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आश्वासन दिया है। हालांकि, निवासियों का कहना है कि बार-बार की लापरवाही के बाद अब केवल आश्वासन काफी नहीं हैं। शहरवासियों को अब ठोस और स्थायी समाधान की उम्मीद है, ताकि हर बारिश में उन्हें इस तरह की परेशानी न झेलनी पड़े।