जयपुर | राजस्थान के युवाओं को विदेश में सुनहरे भविष्य का सपना दिखाकर ठगी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। एक संगठित गिरोह ने इटली में 2 लाख रुपये प्रति माह की नौकरी का लालच देकर कई युवाओं से वीजा और प्रोसेसिंग के नाम पर लाखों रुपये ऐंठ लिए। जब पीड़ितों ने नौकरी या पैसे वापसी की मांग की, तो ठग फरार हो गए। जयपुर पुलिस ने इस मामले में दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है और जांच को तेज कर दिया है।
क्या है यह मामला?
- ठगी का तरीका: ठगों ने राजस्थान के युवाओं को इटली में होटल, रेस्तरां, और अन्य सेवा क्षेत्रों में 2 लाख रुपये मासिक वेतन की नौकरी का लालच दिया। वीजा, टिकट, और प्रोसेसिंग के नाम पर प्रत्येक उम्मीदवार से 2 से 5 लाख रुपये विभिन्न चरणों में लिए गए।
- फर्जी दस्तावेज: पीड़ितों को फर्जी वीजा, जॉब ऑफर लेटर, और अन्य दस्तावेज दिए गए। कई मामलों में, इटली पहुंचने पर दस्तावेज अवैध पाए गए, जिसके कारण युवाओं को वापस लौटना पड़ा।
- लक्षित क्षेत्र: जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, और सीकर जैसे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के युवा इस ठगी का शिकार बने।
कैसे काम करता था यह रैकेट?
- सोशल मीडिया का दुरुपयोग: ठगों ने फेसबुक, व्हाट्सएप, और इंस्टाग्राम पर फर्जी विज्ञापन और ग्रुप बनाकर युवाओं को लुभाया। विदेशी नंबरों से कॉल और मैसेज भेजे गए, जो VoIP सेवाओं के जरिए संचालित थे।
- स्थानीय एजेंट: ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को कमीशन देकर एजेंट बनाया गया, जो युवाओं को इस रैकेट में फंसाते थे।
- फर्जी कार्यालय: जयपुर और अन्य शहरों में छोटे कार्यालय खोले गए, जहां फर्जी जॉब लेटर और वीजा दिखाकर भरोसा जीता गया।
- अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन: पुलिस को शक है कि यह रैकेट दिल्ली और मुंबई से भी संचालित हो रहा था, और विदेशी नंबरों का इस्तेमाल करके ठगी को अंजाम दिया गया।
पीड़ितों की स्थिति
- आर्थिक नुकसान: पीड़ितों ने अपनी जमा-पूंजी, कर्ज, या गहने गिरवी रखकर 2 से 5 लाख रुपये तक की राशि जुटाई। कई परिवार अब आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
- मनोवैज्ञानिक प्रभाव: ठगी का शिकार हुए युवा और उनके परिवार तनाव और निराशा में हैं। कई पीड़ितों ने स्थानीय पुलिस और साइबर सेल में शिकायत दर्ज की है।
पुलिस की कार्रवाई
- FIR और गिरफ्तारी: जयपुर पुलिस ने पीड़ितों की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात), और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) एक्ट के तहत मामले दर्ज किए। दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है, जिनके पास से फर्जी दस्तावेज, मोबाइल फोन, और बैंक खातों की जानकारी बरामद की गई।
- जांच: साइबर सेल और क्राइम ब्रांच इस रैकेट के मास्टरमाइंड और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की तलाश में जुटी है। व्हाट्सएप नंबरों और बैंक खातों की जांच जारी है।
- पुलिस की अपील: पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे बिना सत्यापन के किसी भी जॉब एजेंसी को पैसे न दें और विदेशी नौकरी ऑफर की वैधता की जांच करें।
सामाजिक प्रभाव
- युवाओं में डर: यह ठगी विदेश में नौकरी के सपने देखने वाले युवाओं के विश्वास को तोड़ रही है। कई युवा अब किसी भी एजेंसी पर भरोसा करने से डर रहे हैं।
- कानूनी मांग: पीड़ितों ने सरकार से फर्जी जॉब एजेंसियों पर कठोर कानून लागू करने और रिफंड की व्यवस्था करने की मांग की है।
युवाओं के लिए सलाह
- पुलिस की मदद: ठगी का शक होने पर तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर सेल में शिकायत दर्ज करें।
- सत्यापन जरूरी: नौकरी ऑफर की वैधता भारत सरकार के प्रवासी भारतीय मंत्रालय (MEA) या इटली दूतावास से जांचें।
- सोशल मीडिया से सतर्कता: फेसबुक, व्हाट्सएप, या अन्य प्लेटफॉर्म्स पर विदेशी नौकरी के विज्ञापनों पर भरोसा करने से पहले सावधानी बरतें।
- आधिकारिक चैनल: केवल सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एजेंसियों के जरिए विदेशी नौकरी के लिए आवेदन करें।
हमारा विचार
इटली में नौकरी के नाम पर ठगी का यह मामला राजस्थान के युवाओं के सपनों के साथ एक क्रूर मजाक है। यह उन परिवारों की पीड़ा को उजागर करता है, जिन्होंने बेहतर भविष्य की उम्मीद में अपनी मेहनत की कमाई गंवाई। सरकार और पुलिस को इस रैकेट के सरगनाओं को जल्द से जल्द पकड़ना होगा और ऐसी ठगी को रोकने के लिए सख्त कानून और जागरूकता अभियान चलाने होंगे। युवाओं को भी सतर्क रहने और बिना सत्यापन के किसी लालच में न फंसने की जरूरत है।