चूरू पुलिस और AGTF की बड़ी कार्रवाई: गैंगस्टर रोहित गोदारा के दो गुर्गे गिरफ्तार, फर्जी पासपोर्ट और US आर्मी की पिस्तौल बरामद

चूरू/सीकर | राजस्थान के चूरू और सीकर में पुलिस और एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने एक साझा ऑपरेशन में कुख्यात गैंगस्टर रोहित गोदारा के दो गुर्गों को धर दबोचा। इस कार्रवाई में फर्जी पासपोर्ट और एक अमेरिकी सेना की पिस्तौल सहित कई अवैध हथियार जब्त किए गए। ये अपराधी विदेश भागने की फिराक में थे, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने उनकी योजना को नाकाम कर दिया।

ऑपरेशन का खुलासा

चूरू पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि रोहित गोदारा गैंग के सदस्य सीकर में फर्जी दस्तावेजों के सहारे विदेश भागने की तैयारी कर रहे हैं। इसके आधार पर AGTF के साथ मिलकर एक विशेष अभियान चलाया गया। इस दौरान दो अपराधियों को हिरासत में लिया गया, जिनके पास से सीकर में तैयार किए गए फर्जी पासपोर्ट बरामद हुए। ये पासपोर्ट विदेश भागने के लिए बनवाए गए थे, जिससे गैंगस्टरों की अंतरराष्ट्रीय आपराधिक गतिविधियों का अंदेशा गहरा गया है।

जब्त हथियार और गोदारा गैंग का आतंक

पुलिस ने छापेमारी में एक अमेरिकी सेना की पिस्तौल और अन्य विदेशी हथियार बरामद किए। इससे पहले गोदारा गैंग से AK-47 राइफल और कारतूस भी जब्त हो चुके हैं। ये हथियार रंगदारी, फायरिंग और अन्य आपराधिक वारदातों में इस्तेमाल किए जा रहे थे। रोहित गोदारा, जो वर्तमान में दुबई में छिपा हुआ है, अपने गैंग को इंटरनेट कॉलिंग और ऐप्स के जरिए संचालित करता है। गैंग के सदस्य व्यापारियों और प्रभावशाली लोगों से फिरौती वसूलने में सक्रिय हैं।

वीरेंद्र चारण का मामला

इस कार्रवाई में एक प्रमुख खुलासा यह हुआ कि गोदारा गैंग का मोस्ट वांटेड सदस्य वीरेंद्र चारण पहले ही फर्जी पासपोर्ट के जरिए विदेश भाग चुका है। उसके खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 5 लाख और पुलिस ने 1 लाख रुपये का इनाम रखा था। चारण के फर्जी पासपोर्ट की कॉपी भी बरामद हुई, जो कोलकाता के पते पर दिलीप रजाक के नाम से जारी किया गया था। चारण पर मारपीट, लूट, आर्म्स एक्ट और फिरौती जैसे कई संगीन मामले दर्ज हैं।

फर्जी पासपोर्ट का नेटवर्क

पुलिस ने फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले रैकेट की जांच तेज कर दी है। सीकर में इस तरह के दस्तावेज तैयार करने वाले नेटवर्क पर नकेल कसने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। इससे पहले राहुल सरकार नामक एक व्यक्ति को फर्जी पासपोर्ट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस को शक है कि यह नेटवर्क कई गैंगस्टरों को अवैध रूप से विदेश भेजने में मदद कर रहा है, जिसमें डंकी रूट जैसे रास्तों का इस्तेमाल होता है।

पुलिस की रणनीति और भविष्य की योजना

चूरू पुलिस और AGTF ने गैंगस्टरों के खिलाफ अभियान को और तेज करने का फैसला किया है। इसके तहत 200 से अधिक बदमाशों की सूची तैयार की गई है, जिनके ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही है। पुलिस अब CBI और इंटरपोल के सहयोग से विदेश में छिपे अपराधियों को पकड़ने की कोशिश में है। हाल ही में राजू ठेहट हत्याकांड की एक आरोपी को इटली से गिरफ्तार किया गया था, जो इस दिशा में एक बड़ी सफलता थी।

स्थानीय प्रभाव

गोदारा गैंग की गतिविधियों ने चूरू और सीकर के व्यापारियों में दहशत पैदा कर दी थी। पिछले साल सुजानगढ़ में एक ज्वैलर पर हुई फायरिंग में भी वीरेंद्र चारण का नाम सामने आया था। इस कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों में राहत की सांस है, लेकिन पुलिस ने चेतावनी दी है कि गैंगस्टरों के खिलाफ अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक यह नेटवर्क पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता।

निष्कर्ष

चूरू पुलिस और AGTF की इस कार्रवाई ने संगठित अपराध पर करारा प्रहार किया है। फर्जी पासपोर्ट और विदेशी हथियारों की बरामदगी से साफ है कि अपराधी अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी गतिविधियां फैला रहे हैं। पुलिस की सतर्कता और सख्ती से गैंगस्टरों के मंसूबों पर पानी फिर गया है। यह कार्रवाई न केवल अपराध नियंत्रण में मील का पत्थर साबित होगी, बल्कि भविष्य में ऐसी वारदातों को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।