अबोहर/बीकानेर | पंजाब के अबोहर में मशहूर व्यवसायी संजय वर्मा की हत्या के मामले में फाजिल्का पुलिस और एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राजस्थान के बीकानेर से तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। इन पर हत्यारों को पनाह देने और आर्थिक मदद करने का आरोप है। इस सनसनीखेज हत्याकांड में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शामिल होने की आशंका है, और जांच में विदेशी हैंडलर से पैसे के लेन-देन के सबूत भी मिले हैं।
हत्या की वारदात
7 जुलाई 2025 की सुबह अबोहर के ‘न्यू वियर वेल एम्पोरियम’ के सह-मालिक संजय वर्मा, जिन्हें ‘पंजाब का कुर्ता-पायजामा किंग’ कहा जाता था, अपने शोरूम के बाहर कार से उतरते ही हमलावरों का निशाना बने। तीन बाइक सवार हमलावरों ने उन पर चार गोलियां दागीं, जिनमें दो अलग-अलग बोर की थीं। गंभीर रूप से घायल संजय को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी मौत हो गई। हमलावर अपनी बाइक छोड़कर पास ही खड़ी एक स्विफ्ट कार से फरार हो गए।
बीकानेर से गिरफ्तारियां
फाजिल्का पुलिस और AGTF ने गुप्त सूचना के आधार पर बीकानेर के जसरासर थाना क्षेत्र के कुचोर गांव से तीन युवकों—इंदरपाल बिश्नोई (26), संदीप खीचड़ (28), और पवन खीचड़ (24)—को हिरासत में लिया। ये तीनों कथित तौर पर हत्यारों को शरण देने और उनकी मदद करने में शामिल थे। पुलिस का कहना है कि हत्या के बाद शूटरों को बीकानेर ले जाया गया था, ताकि वे पुलिस की नजरों से बच सकें।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग का कनेक्शन
जांच में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की संलिप्तता के संकेत मिले हैं। एक सोशल मीडिया पोस्ट में लॉरेंस के सहयोगियों आरजू बिश्नोई, गोल्डी ढिल्लन, और शुभम लोनकर ने हत्या की जिम्मेदारी ली थी, हालांकि पुलिस इसकी सत्यता की पुष्टि कर रही है। इसके अलावा, विदेश में बैठे एक हैंडलर से हत्याकांड के लिए पैसे ट्रांसफर होने के सबूत सामने आए हैं, जिसने मामले को और गंभीर बना दिया है।
पहले हुई थी मुठभेड़
इससे पहले, 8 जुलाई को दो संदिग्धों, जसप्रीत सिंह और राम रतन, को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस उन्हें हथियार और सबूत बरामद करने के लिए पंजपियर टिब्बा ले गई थी, जहां उनके साथियों ने पुलिस पर हमला कर दिया। जवाबी कार्रवाई में दोनों संदिग्ध मारे गए, और एक पुलिसकर्मी घायल हुआ। इस मुठभेड़ को जसप्रीत के परिवार ने फर्जी बताते हुए CBI जांच की मांग की है।
मुख्य शूटर की तलाश
पुलिस के अनुसार, हत्याकांड का मुख्य शूटर शक्ति कुमार और उसके दो साथी अब भी फरार हैं। शक्ति उस मोटरसाइकिल को चला रहा था, जिसका इस्तेमाल हत्या में किया गया। फाजिल्का के SSP गुरमीत सिंह ने कहा, “हमने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, और जल्द ही इस मामले को पूरी तरह सुलझा लिया जाएगा।” पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगा है, ताकि हत्या के पीछे के मकसद और अन्य आरोपियों का पता लगाया जा सके।
कानून-व्यवस्था पर सवाल
संजय वर्मा की हत्या ने पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने इसे ‘जंगल राज’ का उदाहरण बताया, जबकि भाजपा नेता सुनील जाखड़ ने सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड से इसकी तुलना की। संजय के भाई जगत वर्मा ने सरकार से सुरक्षा की मांग करते हुए जेलों से अपराध संचालन पर चिंता जताई।
व्यापारियों में दहशत
इस हत्याकांड के बाद अबोहर में व्यापारिक संगठनों ने बाजार बंद का आह्वान किया। संजय वर्मा का शोरूम 700 से अधिक लोगों को रोजगार देता था और पंजाब में कपड़ा व्यवसाय में उनकी बड़ी पहचान थी। उनकी अंत्येष्टि में हजारों लोग शामिल हुए, जिसमें कई गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
पुलिस की रणनीति
पुलिस तकनीकी और खुफिया जानकारी के आधार पर फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है। शहर के सभी प्रवेश-निकास मार्गों पर नाकाबंदी और भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। DIG हरमनबीर सिंह गिल ने कहा, “हम जल्द ही बाकी आरोपियों को पकड़ लेंगे।” विदेश में छिपे गैंगस्टरों को पकड़ने के लिए CBI और इंटरपोल की मदद ली जा रही है।
निष्कर्ष
संजय वर्मा हत्याकांड ने पंजाब में गैंगस्टरों की बढ़ती गतिविधियों को फिर से उजागर किया है। बीकानेर से तीन युवकों की गिरफ्तारी इस मामले में महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन मुख्य शूटरों की तलाश और हत्या के पीछे के मकसद का खुलासा अभी बाकी है। यह घटना पंजाब में कानून-व्यवस्था की चुनौतियों को रेखांकित करती है और व्यापारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती है।