सीकर | राजस्थान के सीकर जिले में स्थित पवित्र खाटूश्यामजी मंदिर में शुक्रवार सुबह एक शर्मनाक घटना ने श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचाई। मंदिर परिसर के पास श्याम कुंड के निकट स्थानीय दुकानदारों और मध्य प्रदेश से आए श्रद्धालुओं के बीच मामूली विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। दुकानदारों ने श्रद्धालुओं पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया, जिसमें कई लोग घायल हो गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस ने चार दुकानदारों को हिरासत में लिया है, लेकिन श्रद्धालुओं का आरोप है कि शुरू में पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की।
क्या हुआ खाटूश्यामजी में?
घटना 11 जुलाई 2025 की सुबह करीब 10-11 बजे की है, जब खाटूश्यामजी मंदिर में भारी भीड़ थी। तेज बारिश के कारण मध्य प्रदेश के उज्जैन से आए श्रद्धालु श्याम कुंड के पास एक दुकान के पास बारिश से बचने के लिए रुके। दुकानदार ने उन्हें बाहर जाने को कहा, जिस पर दोनों पक्षों में कहासुनी शुरू हुई। यह विवाद इतना बढ़ गया कि दुकानदारों ने श्रद्धालुओं पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया।
- वायरल वीडियो का खुलासा: सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दुकानदारों को बारिश के बीच श्रद्धालुओं पर लाठियां बरसाते देखा जा सकता है। हैरानी की बात यह है कि हमले में महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा गया। श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया कि दुकानदारों ने महिलाओं के मंगलसूत्र और सोने की चेन तक तोड़ दी।
- दुकानदारों का दावा: दुकानदारों का कहना है कि श्रद्धालुओं ने बिना अनुमति उनकी दुकान में घुसकर हंगामा किया, जिसके बाद विवाद हुआ। हालांकि, वीडियो में दुकानदारों की दबंगई स्पष्ट दिख रही है।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलने पर खाटूश्यामजी पुलिस थाने में श्रद्धालुओं ने शिकायत दर्ज की। शुरुआत में पुलिस की उदासीनता से पीड़ित नाराज थे। उनका आरोप है कि थानाधिकारी पवन चौबे ने उन्हें “मामला भूल जाओ और घर जाओ” कहकर टालने की कोशिश की।
- हिरासत और जांच: वीडियो के वायरल होने और सोशल मीडिया पर हंगामे के बाद पुलिस ने चार दुकानदारों को हिरासत में लिया। पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज और वायरल वीडियो के आधार पर जांच शुरू की गई है। एसएचओ पवन चौबे ने कहा, “मामले की गंभीरता को देखते हुए उचित कार्रवाई की जाएगी।”
- मंदिर समिति की चुप्पी: मंदिर प्रशासन ने इस घटना पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कुछ दुकानदारों के मंदिर समिति से करीबी संबंध हैं, जिसके कारण पुलिस शुरू में ढीली रही।
श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
- श्रद्धालुओं का गुस्सा: मध्य प्रदेश से आए श्रद्धालुओं ने कहा कि वे बाबा खाटूश्याम के दर्शन के लिए उत्साह के साथ आए थे, लेकिन इस घटना ने उनकी आस्था को चोट पहुंचाई। एक पीड़ित श्रद्धालु ने बताया, “हम बारिश से बचने के लिए रुके थे, लेकिन दुकानदारों ने बिना वजह हमें पीटा और अपमानित किया।”
- स्थानीय मांग: सोशल मीडिया पर लोग इस घटना को शर्मनाक बता रहे हैं और मंदिर जैसे पवित्र स्थान पर दबंगई रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कई स्थानीय लोगों ने मंदिर प्रशासन से दुकानदारों के लाइसेंस रद्द करने की मांग की है।
खाटूश्यामजी मंदिर का महत्व
खाटूश्यामजी मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है और इसे भगवान श्रीकृष्ण के कलयुगी अवतार बर्बरीक का मंदिर माना जाता है। बर्बरीक, भीम के पोते और घटोत्कच के पुत्र, ने महाभारत युद्ध में श्रीकृष्ण को अपना शीश दान दिया था। मान्यता है कि खाटू गांव में उनका शीश प्रकट हुआ, जहां यह मंदिर स्थापित हुआ। इसे “हारे का सहारा” और “लखदातार” के नाम से पूजा जाता है। फाल्गुन मास में लक्खी मेला और देवउठनी एकादशी पर लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।
पिछली घटनाएं और मंदिर की चुनौतियां
यह पहली बार नहीं है जब खाटूश्यामजी मंदिर में विवाद हुआ है:
- पिछला विवाद: कुछ समय पहले भी मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं पर डंडों से हमले का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद मंदिर समिति ने कार्रवाई का वादा किया था।
- भीड़ प्रबंधन: 6 जुलाई 2025 को देवशयनी एकादशी के दौरान अत्यधिक भीड़ के कारण लखदातार ग्राउंड का गेट बंद करना पड़ा था, जिसे नाराज श्रद्धालुओं ने तोड़ दिया था। यह घटना मंदिर के भीड़ प्रबंधन की कमियों को दर्शाती है।
- सुरक्षा की कमी: मंदिर परिसर में दुकानदारों की दबंगई और पुलिस की शुरूआती निष्क्रियता से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
प्रभाव और समाधान
- आस्था पर चोट: इस घटना ने खाटूश्यामजी मंदिर की पवित्रता और श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले लाखों श्रद्धालुओं का विश्वास डगमगा सकता है।
- सुरक्षा और प्रबंधन: मंदिर प्रशासन को दुकानदारों की गतिविधियों पर सख्त निगरानी और भीड़ प्रबंधन के लिए बेहतर व्यवस्था करनी होगी।
- आवश्यक कदम:
- दोषी दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और उनके लाइसेंस की जांच।
- मंदिर परिसर में सीसीटीवी और सुरक्षा गार्ड की तैनाती बढ़ाना।
- श्रद्धालुओं की शिकायतों के लिए त्वरित हेल्पलाइन शुरू करना।
- स्थानीय दुकानदारों और मंदिर समिति के बीच संवाद बढ़ाना।