बीकानेर: बाप, कोलायत और फलोदी के गांवों में भारी बारिश का कहर, जलभराव और फसलों को भारी नुकसान

बीकानेर | बीकानेर जिले के बाप, कोलायत और फलोदी के बीच के गांवों में शुक्रवार को भारी बारिश और तूफान ने तबाही मचाई। मानसून की इस तीव्र वर्षा ने सड़कों को नदियों में बदल दिया, घरों में पानी घुस गया और खेत जलमग्न हो गए। कई गांवों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई, और खरीफ फसलों को व्यापक नुकसान हुआ। स्थानीय लोगों और प्रशासन के अनुसार, यह बारिश ज्योतिषाचार्यों और मौसम विभाग की भविष्यवाणियों के अनुरूप थी, जिन्होंने सावन में तूफान और भारी वर्षा की चेतावनी दी थी। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू किए हैं, लेकिन जलभराव ने इन प्रयासों को मुश्किल बना दिया है।


बारिश का मंजर

11 जुलाई 2025 को बीकानेर संभाग के बाप, कोलायत और फलोदी के कई गांवों में भारी बारिश ने कहर बरपाया। स्थानीय लोगों की जानकारी के अनुसार, गांवों में सड़कें जलमग्न हो गईं, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया।

  • प्रभावित क्षेत्र:
  • कोलायत: टोकला, झझू, चक विजयसिंहपुरा, मढ़, कोटड़ी, चानी और भोलासर जैसे गांवों में भारी बारिश दर्ज की गई। कोलायत का प्रसिद्ध कपिल सरोवर पहले ही लबालब हो चुका है, और निचली बस्तियों में पानी भरने से बाढ़ जैसे हालात बन गए। कांजर बस्ती और ग्वारिया बस्ती में कई कच्चे मकान ढह गए।
  • बाप: लोर्डिया, जुनेजो की ढाणी और घंटियाली में सड़कों पर 3-4 फीट पानी जमा हो गया, जिससे गांवों का संपर्क टूट गया। राजीव गांधी लिफ्ट कैनाल के पंपिंग स्टेशन 6 के पास नहर टूटने से बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई।
  • फलोदी: जांबा चौराहा के पास रेलवे अंडरब्रिज में पानी भरने से फलोदी और बाप का संपर्क कट गया। खेतूसर और आसपास के गांवों में खेतों में पानी जमा होने से फसलों को भारी नुकसान हुआ।
  • नुकसान का दायरा:
  • जलभराव: कई गांवों में सड़कों पर पानी जमा होने से यातायात ठप हो गया। कोलायत में रेलवे अंडरब्रिज में एक ट्रक पानी में फंस गया, हालांकि चालक सुरक्षित निकल गया।
  • फसलों को नुकसान: खरीफ फसलों, विशेष रूप से बाजरा, मूंग और तिल, को भारी नुकसान हुआ। किसानों का कहना है कि खेतों में पानी जमा होने से फसलें सड़ रही हैं।
  • संपत्ति को नुकसान: कोलायत की आदर्श बस्ती और पंचायत समिति कार्यालय की एक दीवार ढह गई। कई कच्चे मकान बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गए।

मौसम विभाग और ज्योतिषीय भविष्यवाणी

मौसम विभाग ने 11 जुलाई 2025 के लिए बीकानेर संभाग में भारी बारिश और तूफान का येलो अलर्ट जारी किया था। यह अलर्ट ज्योतिषाचार्यों की भविष्यवाणी से मेल खाता है, जिन्होंने सावन-चातुर्मास में तूफान और ओलावृष्टि की चेतावनी दी थी।

  • मौसम विभाग का अपडेट:
  • झारखंड के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र डीप डिप्रेशन में बदल गया है, जो पश्चिमी राजस्थान की ओर बढ़ रहा है। इससे बीकानेर, जोधपुर और नागौर में 12 जुलाई तक मध्यम से भारी बारिश की संभावना है।
  • तेज हवाएं (20-30 किमी/घंटा) और बिजली गिरने का खतरा बना हुआ है।
  • ज्योतिषीय भविष्यवाणी:
  • जयपुर के जंतर-मंतर में अखिल भारतीय प्राच्य ज्योतिष शोध संस्थान द्वारा किए गए 298वें वायु परीक्षण में पश्चिमी हवाओं के आधार पर अच्छी बारिश के साथ तूफान और ओलावृष्टि की आशंका जताई गई थी।
  • पं. चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि ‘समय का वाहन अश्व’ और ‘धोबी के घर समय का वास’ होने से जलस्रोतों में वृद्धि होगी, लेकिन प्राकृतिक आपदाएं भी संभावित हैं।

स्थानीय लोगों और प्रशासन की प्रतिक्रिया

  • स्थानीय लोगों का गुस्सा:
  • कोलायत के निवासियों ने बताया कि बारिश के कारण रातभर अंधेरा रहा, क्योंकि बिजली आपूर्ति ठप हो गई। कई गांवों में मकान गिरने की खबरों से दहशत फैली।
  • किसानों ने फसलों के नुकसान को लेकर चिंता जताई और प्रशासन से तत्काल सर्वेक्षण की मांग की।
  • प्रशासन की कार्रवाई:
  • कोलायत के एसडीएम और राहत टीमें प्रभावित गांवों में पहुंचीं, लेकिन जलमग्न सड़कों ने राहत कार्यों को मुश्किल बना दिया।
  • प्रभावित लोगों को सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित किया गया। कोलायत के विधायक अंशुमान सिंह भाटी और देहात कांग्रेस जिलाध्यक्ष बिशनाराम ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्यों में सहयोग किया।
  • बिजली विभाग ने टोकला और अन्य क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए काम शुरू किया।

पिछली घटनाएं

बीकानेर में भारी बारिश और जलभराव की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं:

  • अगस्त 2024: कोलायत में 195 मिमी बारिश से कपिल सरोवर लबालब हो गया, और निचली बस्तियां जलमग्न हो गईं।
  • जुलाई 2023: कोलायत में 118 मिमी बारिश से कपिल मुनि सरोवर में 30 साल बाद तीन फीट पानी जमा हुआ।
  • फलोदी: अगस्त 2024 में जांबा चौराहा और रेलवे अंडरब्रिज जलमग्न हो गए, जिससे संपर्क टूट गया।

इन घटनाओं से साफ है कि बीकानेर के इन क्षेत्रों में जल निकासी और बुनियादी ढांचे की कमी बार-बार समस्याएं पैदा कर रही है।


प्रभाव और चुनौतियां

  • कृषि: खरीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ, जिससे किसानों की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है।
  • जनजीवन: जलभराव ने गांवों का संपर्क मुख्य शहरों से काट दिया, जिससे स्कूल, अस्पताल और बाजार तक पहुंचना मुश्किल हो गया।
  • बुनियादी ढांचा: सड़कों और नहरों का टूटना, बिजली आपूर्ति का बाधित होना, और मकानों का ढहना इस बारिश की तबाही को दर्शाता है।

चुनौतियां:

  • जल निकासी: कोलायत और फलोदी में नालियों की कमी से जलभराव की समस्या गंभीर हुई।
  • जर्जर सड़कें: बारिश ने सड़कों को और नुकसान पहुंचाया, जिससे राहत कार्य प्रभावित हुए।
  • प्रशासनिक देरी: नुकसान के सर्वेक्षण और मुआवजे में देरी से किसानों में नाराजगी है।

आवश्यक कदम

  • तत्काल राहत: प्रभावित लोगों को भोजन, पानी और अस्थायी आश्रय प्रदान करना।
  • नुकसान का सर्वेक्षण: फसलों और संपत्ति के नुकसान का तुरंत सर्वे कर मुआवजा देना।
  • जल निकासी व्यवस्था: कोलायत, बाप और फलोदी में ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत करना।
  • बुनियादी ढांचा: सड़कों, नहरों और बिजली व्यवस्था की मरम्मत के लिए विशेष अभियान।
  • जागरूकता: किसानों को फसल बीमा और मौसम चेतावनियों के प्रति जागरूक करना।