जयपुर | राजस्थान के 970 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में कक्षा 11वीं में प्रवेश के लिए प्रक्रिया 12 जुलाई 2025 से शुरू होने जा रही है। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें लॉटरी प्रणाली के माध्यम से 18 जुलाई को छात्रों का चयन किया जाएगा। यह कदम राज्य में अंग्रेजी माध्यम से विज्ञान संकाय की पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है, जिससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और रोजगारोन्मुखी शिक्षा मिल सके।
प्रवेश प्रक्रिया की समय-सारिणी
शिक्षा विभाग ने प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने के लिए निम्नलिखित शेड्यूल जारी किया है:
- 11 जुलाई 2025: प्रवेश के लिए आधिकारिक विज्ञप्ति जारी होगी।
- 12 से 16 जुलाई 2025: अभिभावक शाला दर्पण पोर्टल (rajshaladarpan.nic.in) के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
- 18 जुलाई 2025: रिक्त सीटों के लिए लॉटरी निकाली जाएगी।
- 19 जुलाई 2025: चयनित छात्रों की सूची स्कूलों के नोटिस बोर्ड और पोर्टल पर उपलब्ध होगी।
- 21 जुलाई 2025: दस्तावेज सत्यापन और प्रवेश की औपचारिकताएं शुरू होंगी।
विज्ञान संकाय पर जोर
इन 970 स्कूलों में कक्षा 11वीं के लिए विज्ञान संकाय (भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, और जीव विज्ञान) को अंग्रेजी माध्यम में शुरू किया गया है। प्रत्येक स्कूल में 60 सीटें निर्धारित की गई हैं। कुछ स्कूलों में कला संकाय भी अंग्रेजी माध्यम में उपलब्ध होगा, जैसे पाली के सुल्तान राजकीय स्कूल में। शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों में लैब, शिक्षक, और अन्य संसाधनों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं ताकि छात्रों को बेहतर शैक्षिक अनुभव मिले।
भामाशाहों के लिए विशेष प्रावधान
राज्य सरकार ने भामाशाहों (50 लाख रुपये से अधिक दान देने वाले) के लिए विशेष कोटा निर्धारित किया है। वे प्रत्येक कक्षा में 2 और पूरे स्कूल में अधिकतम 10 छात्रों को नामांकन दिला सकते हैं। यह कोटा सामान्य सीटों से अलग होगा और लॉटरी प्रक्रिया से मुक्त रहेगा। यह सुविधा उन भामाशाहों के लिए है जिन्होंने स्कूलों को गोद लिया हो या महत्वपूर्ण आर्थिक योगदान दिया हो।
स्कूलों का जिला-वार वितरण
राजस्थान में कुल 3,737 महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल हैं, जिनमें से 970 में 11वीं कक्षा के लिए विज्ञान संकाय शुरू किया गया है। इनका जिला-वार विवरण इस प्रकार है:
- जयपुर: 148 स्कूल
- बीकानेर: 72 स्कूल
- चूरू: 51 स्कूल
- सीकर: 50 स्कूल
- अलवर और हनुमानगढ़: 43-43 स्कूल
- जोधपुर और झूंझनूं: 40-40 स्कूल
- अन्य जिले: चितौड़गढ़ (38), नागौर (47), उदयपुर (23), कोटा (10), आदि।
पारदर्शी और डिजिटल प्रक्रिया
प्रवेश प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और निष्पक्ष बनाने के लिए शाला दर्पण पोर्टल पर आवेदन और लॉटरी प्रक्रिया संचालित होगी। अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे समय पर आवेदन करें और आवश्यक दस्तावेज, जैसे जन्म प्रमाण पत्र, 10वीं का अंक पत्र, निवास प्रमाण, और आरक्षित वर्ग का प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) तैयार रखें।
पहले आओ, पहले पाओ का नियम
6 जुलाई 2025 के बाद रिक्त रहने वाली सीटों पर पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। यह नियम प्री-प्राइमरी और कक्षा 1 से 8 के लिए भी लागू है।
नीतिगत बदलाव और पृष्ठभूमि
पिछले सत्र में भजनलाल सरकार ने इन स्कूलों को हिंदी माध्यम में परिवर्तित करने की योजना बनाई थी, लेकिन संसाधनों की उपलब्धता को देखते हुए इन्हें जारी रखने का निर्णय लिया गया। सत्र 2025-26 के लिए पहले चरण में 50,657 अभ्यर्थियों ने 78,205 स्कूल चॉइस भरी थीं, जो इन स्कूलों की लोकप्रियता को दर्शाता है।
अभिभावकों के लिए सलाह
अभिभावकों को सुझाव है कि वे शाला दर्पण पोर्टल पर नियमित रूप से अपडेट चेक करें और समय पर आवेदन प्रक्रिया पूरी करें। यह प्रवेश प्रक्रिया न केवल शिक्षा के क्षेत्र में अवसर प्रदान करेगी, बल्कि राजस्थान के छात्रों को अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रोत्साहित भी करेगी।
लेखक: TharToday.com संवाददाता