बीकानेर | बीकानेर से हनुमानगढ़ को जोड़ने वाला 179 किलोमीटर लंबा राजमार्ग इन दिनों अपनी बदहाल स्थिति के कारण चर्चा में है। इस मार्ग पर 300 से अधिक गड्ढों और 2000 से ज्यादा पैचवर्क की आवश्यकता ने यात्रियों और स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सर्विस रोड की स्थिति भी बदतर है, जहां गहरे गड्ढों ने वैकल्पिक मार्गों को भी असुरक्षित बना दिया है। यह राजमार्ग न केवल व्यापार और पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थानीय लोगों की रोजमर्रा की आवाजाही के लिए भी अहम है।
सड़क की जर्जर स्थिति का खुलासा
हाल ही में सामने आए तथ्यों के अनुसार, बीकानेर से हनुमानगढ़ के बीच इस राजमार्ग पर गड्ढों की संख्या 300 से अधिक हो चुकी है। सड़क की सतह पर बार-बार किए गए पैचवर्क, जिनकी संख्या 2000 से ज्यादा बताई जा रही है, अस्थायी और अपर्याप्त साबित हुए हैं। सर्विस रोड, जो मुख्य मार्ग के साथ वैकल्पिक यातायात का सहारा है, वह भी गहरे गड्ढों की चपेट में है। बारिश के मौसम में पानी भरने से ये गड्ढे और खतरनाक हो जाते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ रहा है।
बदहाली के प्रमुख कारण
- निर्माण में लापरवाही: इस राजमार्ग के निर्माण में गुणवत्ता की कमी और कथित भ्रष्टाचार ने सड़क को समय से पहले जर्जर कर दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि डामर और निर्माण सामग्री के मानकों का पालन नहीं किया गया।
- रखरखाव का अभाव: सड़क की नियमित मरम्मत और रखरखाव के लिए कोई ठोस योजना न होने से गड्ढों की संख्या बढ़ती जा रही है। स्थानीय प्रशासन और सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) की उदासीनता इस समस्या को और गंभीर बना रही है।
- सीवरेज और जलापूर्ति कार्य: बीकानेर में चल रहे अमृत 2.0 प्रोजेक्ट के तहत सीवर लाइन और पेयजल कनेक्शन के लिए सड़कों को बार-बार खोदा गया, लेकिन मरम्मत कार्य अधूरा रहने से गड्ढे बने हुए हैं।
- भारी वाहनों का दबाव: इस मार्ग पर भारी वाहनों की लगातार आवाजाही ने सड़क की सतह को और कमजोर किया है।
यात्रियों और स्थानीय लोगों पर प्रभाव
इस राजमार्ग की बदहाली का सबसे ज्यादा असर यात्रियों, विशेषकर दोपहिया वाहन चालकों, पर पड़ रहा है। गड्ढों के कारण वाहनों की टूट-फूट और मरम्मत का खर्च बढ़ गया है। बारिश में गड्ढों में पानी भरने से सड़कें और खतरनाक हो जाती हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। व्यापारी, पर्यटक, और दैनिक यात्री लंबे समय तक जाम और देरी का सामना कर रहे हैं। हनुमानगढ़ के भटनेर किला और कालीबंगा जैसे पर्यटन स्थलों तक पहुंचने में भी खराब सड़कें बाधा बन रही हैं।
प्रशासन पर सवाल, नागरिकों में आक्रोश
स्थानीय लोग और सामाजिक संगठन इस स्थिति से नाराज हैं। हनुमानगढ़-सूरतगढ़ फोरलेन सड़क, जो इस मार्ग का हिस्सा है, पर भारी टोल टैक्स वसूले जाने के बावजूद सड़क की स्थिति में सुधार नहीं हुआ। माकपा नेता रघुवीर वर्मा और आरटीआई जागृति मंच ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है। बीकानेर में नगर निगम ने सड़कों की मरम्मत के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन कार्य की गति धीमी होने से लोगों का भरोसा टूट रहा है।
सुधार के प्रयास और उम्मीदें
- मरम्मत कार्य: बीकानेर नगर निगम ने शहर की 1040 सड़कों पर गड्ढों और खराब डामर की मरम्मत के लिए टेंडर जारी किए हैं। जल्द ही कार्य शुरू होने की उम्मीद है।
- नया प्रोजेक्ट: बीकानेर से जसरासर तक 65 किलोमीटर की नई सड़क के लिए 157 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ है, जिसमें वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी शामिल होगा।
- जांच और जवाबदेही: हनुमानगढ़-सूरतगढ़ मार्ग पर खराब निर्माण के लिए PWD के कुछ अभियंताओं को निलंबित किया गया है। साथ ही, नागरिक संगठनों के दबाव में प्रशासन ने मरम्मत कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया है।
आगे की राह
बीकानेर-हनुमानगढ़ राजमार्ग की बदहाली न केवल एक स्थानीय समस्या है, बल्कि यह राजस्थान के सड़क बुनियादी ढांचे में व्याप्त कमियों को उजागर करती है। इस मार्ग का महत्व व्यापार, पर्यटन, और स्थानीय आवागमन के लिए है, इसलिए इसके सुधार के लिए तत्काल और गुणवत्तापूर्ण कदम उठाने की जरूरत है। स्थानीय लोगों की मांग है कि सड़क की मरम्मत समयबद्ध हो और निर्माण में पारदर्शिता बरती जाए।