बीकानेर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की जनसभा: जल संकट, किसान कल्याण और संस्कृति पर जोर

बीकानेर | राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को श्रीडूंगरगढ़ के गुसांईसर बड़ा हेलीपेड पर आयोजित जनसभा में जनता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जल संकट, किसान कल्याण, और राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। सभा डेढ़ घंटे की देरी से शुरू हुई, जहां उनका स्वागत खाद्य मंत्री सुमित गोदारा, स्थानीय विधायकों और प्रशासनिक अधिकारियों ने किया।

सिंधु जल समझौता और जल संकट का समाधान
मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद रद्द हुए सिंधु जल समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि इससे बचे पानी को बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, और चूरू जिलों में उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने इन जिलों को “सौभाग्यशाली” बताते हुए पानी की उपलब्धता बढ़ाने का वादा किया। इसके अलावा, इंदिरा गांधी नहर के लिए 4,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे इन जिलों में सिंचाई सुविधाएं बेहतर होंगी। ईआरसीपी और यमुना जल समझौते पर भी काम तेजी से चल रहा है।

किसानों के लिए योजनाएं
किसानों के कल्याण पर जोर देते हुए भजनलाल शर्मा ने बताया कि सरकार ने किसान निधि, गेहूं का समर्थन मूल्य, और मूंगफली खरीद का समय बढ़ाया है। 33,000 गोपालकों को ऋण और प्रत्येक गोपालक को 1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसानों को पानी, बिजली, और बीज की कमी नहीं होगी।

खाद्य सुरक्षा और जनकल्याण
खाद्य मंत्री सुमित गोदारा के नेतृत्व में 51 लाख लोगों को खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री ने इसे जनकल्याण की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।

विपक्ष पर निशाना
कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि जनता को विपक्षी नेताओं से उनके वादों का हिसाब मांगना चाहिए। उन्होंने जनता को भारत माता की जय और पूनरासर, तौलियासर जैसे स्थानीय देवी-देवताओं के नारे लगाने के लिए उत्साहित किया।

राजस्थान उत्सव और संस्कृति को बढ़ावा
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने बीकानेर में राजस्थान उत्सव-2025 और राजीविका क्राफ्ट फेयर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने राजस्थान की समृद्ध संस्कृति, कला, और खानपान को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दोहराई।

यह जनसभा बीकानेर के लिए विकास और सांस्कृतिक गौरव के प्रति सरकार के संकल्प को दर्शाती है। मुख्यमंत्री के इन प्रयासों से क्षेत्र में जल संकट का समाधान और किसानों का कल्याण सुनिश्चित होने की उम्मीद है।