बीकानेर | बीकानेर के मुरली मनोहर मैदान में शुक्रवार को संभाग स्तरीय गौशाला संचालकों की विशाल सभा आयोजित हुई। पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी की अध्यक्षता में हुई इस महासभा में 1300 से अधिक गौशालाओं के 12,000 से ज्यादा प्रतिनिधि और गौभक्त शामिल हुए। सभा में संतों का पावन सानिध्य रहा, जिनमें संत क्षमाराम महाराज (बीकानेर), महामंडलेश्वर ज्ञान स्वरूपानंद महाराज (जोधपुर), महामंडलेश्वर सरजू दास महाराज प्रमुख थे।
देवीसिंह भाटी का कड़ा संदेश: “आंदोलन करेंगे, देह त्याग भी कर दूंगा”
सभा को संबोधित करते हुए गोचर संरक्षक संघ के प्रधान संरक्षक देवीसिंह भाटी ने सरकार को चेतावनी दी:
“सरकार गोचर पर कब्जे की नियत छोड़े। गौशालाओं का अनुदान तुरंत रिलीज करे। अगर सरकार नहीं सुनी, तो 4-5 दिन में बड़ा आंदोलन शुरू होगा। जरूरत पड़ी तो मैं देह त्याग कर दूंगा, लेकिन गोचर की एक इंच जमीन भी नहीं जाने दूंगा।”
बीकानेर गौशाला संघ की 7 मांगें
बीकानेर गौशाला संघ अध्यक्ष सूरजमाल सिंह नीमराना ने सरकार से निम्नलिखित मांगें रखीं:
- गौशाला अनुदान सीधे संस्था को मिले
- कागजी कार्रवाई न्यूनतम हो
- अनुदान समय पर जारी हो
- गाय को राज्य धरोहर घोषित किया जाए
- गोचर भूमि पर अधिग्रहण पूरी तरह बंद हो
- गौवंश को पशु श्रेणी से बाहर निकाला जाए
- 7 नवंबर को ‘गोभक्त बलिदान दिवस’ घोषित हो
उन्होंने कड़ी चेतावनी दी:
“सरकार एक अध्यादेश लाकर ये काम कर सकती है। अगर नहीं हुआ, तो भाजपा में कोई फर्क नहीं रहेगा।”
प्रशासन पर गंभीर आरोप
संघ के सुनील व्यास ने बताया कि पिछले तीन सालों से गौशालाएं प्रशासनिक उत्पीड़न का शिकार हैं।
“सरकार की मंशा अच्छी हो सकती है, लेकिन गोपालन विभाग और प्रशासन गौशालाओं को तंग कर रहा है।”
गौ ग्राम सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष ललित दाधीच (चूरू) और प्रकाश व्यास (जोधपुर) ने भी अनुदान प्रक्रिया को सरल करने की मांग की।
संतों का समर्थन, नई नियुक्तियां
- सभी संतों को गोग्राम सेवा संघ का संरक्षक नियुक्त किया गया।
- निरंजन सोनी महाजन को प्रदेश सचिव मनोनीत किया गया।
महंत क्षमाराम जी महाराज (सींथल) ने कहा:
“पूरे राजस्थान की गोचर-ओरण भूमि को बचाने का संकल्प लिया जाएगा।”
महामंडलेश्वर ज्ञानस्वरूपानंद महाराज ने चेताया:
“संत समाज भी विरोध करेगा अगर सरकार ने ध्यान नहीं दिया।”
विशाल जनसमूह और व्यवस्था
- बीकानेर, चूरू, श्री गंगानगर, हनुमानगढ़, डीडवाना, कुचामन, नागौर से सैकड़ों बसें और छोटे वाहन पहुंचे।
- पार्किंग: मुरली मनोहर गौशाला, मैदान और उदारामसर रोड पर पूरी व्यवस्था।
कौन-कौन शामिल हुआ?
- बलदेव दास भदानी
- महेंद्र सिंह लखासर
- भैराराम रोझ (लूणकरणसर)
- भंवरलाल बिश्नोई (नोखा)
- अगरसिंह कोटासर (श्री डूंगरगढ़)
- मोती सिंह राजपुरोहित (कोलायत)
- रामकुमार तेतरवाल (खाजूवाला)
- प्रेम कुमार गोदारा (बीकानेर तहसील)
- सुनील व्यास, चांदवीर सिंह नीमराना
- लाखों गौभक्त और गौशाला संचालक
यह सभा गौशालाओं की पीड़ा और गोचर संरक्षण की लड़ाई का शंखनाद है।
