राजनीति में तंज और तरकश: गहलोत बोले – “पंडित भजनलाल हम सबको सूट करते हैं”भाजपा में अंदरूनी खींचतान का संकेत या विपक्ष की रणनीति?

जयपुर | राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तीखे लेकिन चुटीले बयान ने प्रदेश की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है। जयपुर में पत्रकारों से बात करते हुए गहलोत ने मौजूदा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर निशाना साधा और कहा,

“पंडित भजनलाल हम सबको सूट करते हैं। अभी तो डेढ़ साल हुआ है, पांच साल राज करो भाई, आपको कौन रोक रहा है?”

गहलोत के इस बयान को एक ओर कटाक्ष तो दूसरी ओर भाजपा की आंतरिक राजनीति पर संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने भजनलाल को सलाह दी कि वे इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करें और प्रदेश की जमीनी हकीकत को समझें।


गहलोत की ‘हमदर्दी’ या सियासी तीर?

गहलोत ने कहा,

“मेरी मुख्यमंत्री के प्रति हमदर्दी है। वे दो बार मुझसे मिलने आए, सौभाग्यशाली हैं। मैं चाहता हूं कि वे पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहें।”
इसके साथ ही उन्होंने इशारा किया कि अगर मुख्यमंत्री भ्रम में रहेंगे, तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं।


बीजेपी ने किया पलटवार

गहलोत के इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी:

उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा बोले, “गहलोत अपनी नाकामी छिपाने के लिए बयानबाजी कर रहे हैं।”

राजेंद्र राठौड़ ने कहा, “गहलोत को सर्कस चलाना आता है, हम सरकार चला रहे हैं।”


पृष्ठभूमि में पुराना संघर्ष

यह बयान उस समय आया है जब बीजेपी सरकार ने राजस्थान में डेढ़ साल पूरे किए हैं। गहलोत इससे पहले भी बिजली संकट, बीमारियों और योजनाओं के बंद होने पर सरकार को घेर चुके हैं। वहीं, भजनलाल शर्मा का दावा है कि उनके शासन में एक भी पेपर लीक नहीं हुआ, जबकि गहलोत के कार्यकाल में 17 बार ऐसा हुआ।


राजनीतिक विश्लेषण

विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान गहलोत की रणनीति का हिस्सा है — वह विपक्ष में रहते हुए भी खुद को राजनीतिक केंद्र में बनाए रखना जानते हैं।
भाजपा में अंदरूनी संघर्ष की अटकलों को भी यह बयान हवा देता है।


आगे क्या?

राजनीतिक गलियारों में इस बयान के असर की चर्चा तेज है। भाजपा पर अब दबाव है कि वह गहलोत के आरोपों और सलाह का जवाब जनता के कामकाज से दे।
वहीं कांग्रेस, इस बहाने विपक्ष में खुद को धार देने की कोशिश में जुटी है।


निष्कर्ष:
गहलोत के शब्दों ने एक बार फिर राजस्थान की राजनीति में सरगर्मी ला दी है। उनके बयान में छिपी चतुराई, रणनीति और कटाक्ष आने वाले दिनों में भाजपा-कांग्रेस के बीच और गर्मी बढ़ा सकते हैं।


रिपोर्ट: TharToday.com