बीकानेर। राजस्थान के कृषि, पशुपालन एवं आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने बुधवार देर रात (5 नवंबर 2025) बीकानेर जिले के नापासर स्थित रीको इंडस्ट्रियल एरिया में एक बायोफ्यूल फैक्ट्री पर अचानक छापा मारा। नकली बायोडीजल के अवैध स्टोरेज और वितरण की सूचना पर की गई इस कार्रवाई में करीब 1.5 लाख लीटर इंडस्ट्रियल ऑयल, 15 लाख रुपये नकद और कई संदिग्ध ई-वे बिल बरामद हुए। फैक्ट्री को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया है।
हाईवे पर पकड़ा संदिग्ध वाहन, मंत्री खुद पहुंचे मौके पर
जोधपुर से बीकानेर आते समय मंत्री मीणा ने भरतमाला हाईवे पर एक पिकअप वाहन को ट्रकों में ईंधन भरते देखा। वहां 75 रुपये प्रति लीटर की दर से तेल बेचा जा रहा था। पूछताछ में चालक के संदिग्ध जवाब मिलने पर मंत्री ने संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा को तुरंत टीम भेजने के निर्देश दिए। स्वयं रात 1:30 बजे फैक्ट्री पहुंचकर छापेमारी की कमान संभाली।
फैक्ट्री में मिले बड़े कंटेनर, सूरत-अहमदाबाद से आ रहा था माल
जांच में फैक्ट्री परिसर में कई विशाल कंटेनरों में भरा हुआ तेल बरामद हुआ। प्रारंभिक जांच से पता चला कि यह तेल सूरत और अहमदाबाद से मंगवाया जा रहा था और लुधियाना, दिल्ली सहित उत्तर भारत के विभिन्न शहरों में सप्लाई किया जा रहा था। बरामद ई-वे बिल भी इन्हीं रूट्स के नाम पर जारी थे।
पलंग के नीचे छिपे बॉक्स से 15 लाख रुपये नकद भी जब्त किए गए। मंत्री ने मौके पर कहा,
“अगर यह नकली बायोडीजल साबित हुआ, तो किसी को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार को करोड़ों का राजस्व नुकसान हो रहा है।”
फैक्ट्री मालिक का दावा: “ये इंडस्ट्रियल ऑयल है, बायोडीजल नहीं”
फैक्ट्री संचालक केशव विजय ने बचाव में कहा कि यह इंडस्ट्रियल ग्रेड ऑयल है, जो भुजिया फैक्ट्रियों, बॉयलर और अन्य औद्योगिक उपयोग के लिए तैयार किया जाता है। उन्होंने दावा किया कि बीकानेर में ऐसी कई यूनिट्स वैध रूप से चल रही हैं। हालांकि, मंत्री ने सैंपल जांच के लिए लैब भेजने और पूरी सप्लाई चेन की पड़ताल के आदेश दिए।
नकली ईंधन के खिलाफ मंत्री का अभियान तेज
यह कार्रवाई डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के लगातार चलाए जा रहे अभियान की कड़ी है। हाल ही में उन्होंने:
- दौसा-भरतपुर में नकली दूध उत्पादन इकाई पर छापा मारा।
- नकली खाद-बीज रैकेट का भी पर्दाफाश किया।
बीकानेर के व्यापारिक हलकों में इस छापे से हड़कंप मच गया है। कई अन्य फैक्ट्रियों पर भी प्रशासन की नजर बताई जा रही है।
आगे की कार्रवाई
- फैक्ट्री सील।
- तेल के सैंपल फॉरेंसिक और केमिकल जांच के लिए भेजे गए।
- सप्लाई चेन, खरीदारों और विक्रेताओं की गहन छानबीन शुरू।
- अगर धोखाधड़ी साबित हुई तो जीएसटी चोरी, प्रदूषण मानक उल्लंघन सहित कई धाराओं में मुकदमा।
