भारत बंद 2025: राजस्थान में ठप होंगी कई सेवाएं, बैंक-परिवहन से लेकर डाक तक प्रभावित –

9 जुलाई को केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में 25 करोड़ कर्मचारियों की हड़ताल, राजस्थान में क्या-क्या रहेगा बंद?

श्री गंगानगर/जयपुर | केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 9 जुलाई 2025 को भारत बंद का आह्वान किया है। इस देशव्यापी हड़ताल में करीब 25 करोड़ कर्मचारी और मजदूर शामिल होंगे, जिसका व्यापक असर राजस्थान में भी देखने को मिलेगा। बैंकिंग, डाक, परिवहन, और औद्योगिक क्षेत्रों में कामकाज ठप होने की संभावना है। संयुक्त किसान मोर्चा और अन्य संगठनों के समर्थन से यह बंद राजस्थान के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जनजीवन को प्रभावित करेगा।
क्या-क्या रहेगा बंद?
बैंकिंग सेवाएं
राजस्थान में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और सहकारी बैंक हड़ताल का हिस्सा होंगे। राज्य में लगभग 11,000 बैंक कर्मचारी इस बंद में शामिल होंगे।
चेक क्लीयरेंस, कैश विड्रॉल, और काउंटर सेवाएं बाधित रहेंगी। हालांकि, ATM, UPI, और ऑनलाइन बैंकिंग जैसी डिजिटल सेवाएं सीमित रूप से काम कर सकती हैं।
निजी बैंकों की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन सार्वजनिक बैंकों में कामकाज पूरी तरह ठप रहने की संभावना है।
डाक और कुरियर सेवाएं
डाकघरों में कामकाज प्रभावित होगा, जिससे पत्र और पार्सल वितरण में देरी होगी।
डाक कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे, जिससे डाक-संबंधी सभी सेवाएं बाधित रहेंगी।
परिवहन सेवाएं
राजस्थान राज्य परिवहन निगम (RSRTC) की बस सेवाएं आंशिक या पूर्ण रूप से प्रभावित हो सकती हैं।
निजी बसें, टैक्सी, और ऐप-आधारित कैब सेवाएं (Ola, Uber) भी हड़ताल के कारण बाधित हो सकती हैं।
रेलवे यूनियनों ने औपचारिक रूप से हड़ताल की घोषणा नहीं की है, लेकिन प्रदर्शनकारी रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों को रोक सकते हैं, जिससे रेल यात्रा प्रभावित हो सकती है।
औद्योगिक और खनन क्षेत्र
कोयला खनन, इस्पात उद्योग, और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में उत्पादन ठप हो सकता है।
राजस्थान में निर्माण और इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर काम रुक सकता है।
बीमा और आयकर विभाग
बीमा क्षेत्र के कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे, जिससे क्लेम और अन्य सेवाएं प्रभावित होंगी।
आयकर विभाग के कर्मचारी भी हड़ताल का हिस्सा होंगे, जिससे कर-संबंधी कार्य बाधित रहेंगे।
सरकारी कार्यालय और सार्वजनिक उपक्रम
राज्य सरकार के कुछ विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) के कर्मचारी हड़ताल में भाग लेंगे।
प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो सकते हैं, हालांकि आपातकालीन सेवाएं निर्बाध रहेंगी।
कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था
संयुक्त किसान मोर्चा और कृषि श्रमिक संगठनों ने हड़ताल को समर्थन दिया है।
राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में किसान और मजदूर प्रदर्शन करेंगे, जिससे स्थानीय बाजार, मंडियां, और कृषि गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं।
क्या रहेगा खुला?
आपातकालीन सेवाएं: अस्पताल, एम्बुलेंस, पुलिस, अग्निशमन, और बिजली आपूर्ति जैसी आवश्यक सेवाएं सामान्य रूप से चलेंगी।
निजी क्षेत्र: निजी कार्यालय, दुकानें, और व्यवसाय हड़ताल से अप्रभावित रह सकते हैं, लेकिन प्रदर्शन के कारण परिवहन और आवागमन में दिक्कत हो सकती है।
स्कूल और कॉलेज: अधिकांश शैक्षणिक संस्थान खुले रहेंगे, हालांकि स्थानीय प्रशासन कुछ क्षेत्रों में स्कूल बंद करने का फैसला ले सकता है।
शेयर और सर्राफा बाजार: शेयर बाजार (NSE, BSE) और सर्राफा बाजार सामान्य रूप से काम करेंगे।
पेट्रोल पंप: पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति सामान्य रहने की संभावना है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में प्रदर्शन के कारण बाधा आ सकती है।
हड़ताल का कारण
10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, जिनमें ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC), इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC), और हिंद मजदूर सभा (HMS) शामिल हैं, ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ यह हड़ताल बुलाई है। उनकी प्रमुख मांगें हैं:
श्रम कानूनों में बदलाव का विरोध: नए लेबर कोड्स को मजदूर-विरोधी बताते हुए इन्हें रद्द करने की मांग।
निजीकरण पर रोक: सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण और ठेका प्रथा को खत्म करने की मांग।
किसानों के लिए MSP गारंटी: न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और कृषि सुधार।
श्रम सम्मेलन की बहाली: पिछले 10 वर्षों से रुके हुए वार्षिक श्रम सम्मेलन को फिर से शुरू करने की मांग।
यूनियनों ने पिछले साल केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया को 17 मांगों का एक चार्टर सौंपा था, जिस पर कोई कार्रवाई न होने के कारण यह हड़ताल बुलाई गई है।
राजस्थान में प्रशासन की तैयारी
सुरक्षा व्यवस्था: राजस्थान पुलिस ने हड़ताल के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, और श्री गंगानगर जैसे प्रमुख शहरों में अतिरिक्त बल तैनात किया है।
रेल और बस स्टैंड पर निगरानी: रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड, और प्रमुख चौराहों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
सोशल मीडिया मॉनिटरिंग: अफवाहों और भड़काऊ सामग्री को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है।
आपातकालीन हेल्पलाइन: नागरिकों की सहायता के लिए आपातकालीन नंबर (100, 108) सक्रिय रहेंगे।
जनजीवन पर असर
यातायात: सार्वजनिक परिवहन के ठप होने से दैनिक यात्री, खासकर ऑफिस जाने वाले और छात्र, परेशान हो सकते हैं।
बाजार और व्यापार: स्थानीय बाजार सामान्य रूप से खुल सकते हैं, लेकिन प्रदर्शन के कारण कुछ क्षेत्रों में व्यवधान संभव है।
आर्थिक नुकसान: बैंकिंग, डाक, और औद्योगिक क्षेत्रों में कामकाज रुकने से करोड़ों रुपये का नुकसान हो सकता है।
ग्रामीण क्षेत्र: किसानों और मजदूरों के प्रदर्शन से मंडियां और कृषि गतिविधियां प्रभावित होंगी।
नागरिकों के लिए सलाह
बैंकिंग कार्य: जरूरी लेन-देन 8 जुलाई को ही पूरा कर लें या डिजिटल बैंकिंग का उपयोग करें।
यात्रा: सार्वजनिक परिवहन पर निर्भरता कम करें और निजी वाहनों का इस्तेमाल करें। यात्रा से पहले स्थानीय स्थिति की जांच करें।
सुरक्षा: प्रदर्शन वाले क्षेत्रों से बचें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
आपात स्थिति: आपातकालीन सेवाओं के लिए 100 (पुलिस) और 108 (एम्बुलेंस) पर संपर्क करें।
निष्कर्ष
9 जुलाई 2025 का भारत बंद राजस्थान में बैंकिंग, परिवहन, डाक, और औद्योगिक क्षेत्रों को प्रभावित करेगा। यह हड़ताल केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ मजदूरों, किसानों, और कर्मचारियों की एकजुटता का प्रतीक है। प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं, लेकिन नागरिकों को सतर्क रहने और पहले से तैयारी करने की जरूरत है। यह बंद राजस्थान के जनजीवन पर स्पष्ट असर डालेगा और सरकार के लिए एक बड़ा संदेश होगा।

लेखक: TharToday.com टीम