जोधपुर/जैसलमेर – पाकिस्तान सीमा से सटे संवेदनशील इलाकों में छिपे आतंकी तत्वों पर सुरक्षा एजेंसियों ने कड़ा प्रहार किया है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA), एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की टीमों ने शुक्रवार भोर 5 बजे जोधपुर, जैसलमेर और जालौर जिलों में समवर्ती कार्रवाई कर तीन प्रमुख संदिग्ध मौलवियों को हिरासत में ले लिया। IB की गोपनीय टिप्स पर आधारित इस ऑपरेशन में दस्तावेज, सिम कार्ड्स और संदिग्ध सामग्री बरामद हुई, जो अंतरराष्ट्रीय फंडिंग चैनलों से जुड़ी बताई जा रही है। आधिकारिक बयान का इंतजार है, लेकिन स्थानीय खुफिया स्रोतों ने इसे पाकिस्तान प्रायोजित रेडिकलाइजेशन नेटवर्क को नेस्तनाबूद करने की दिशा में बड़ा कदम बताया।
ऑपरेशन की झलक: सुबह-सुबह धर पकड़
कार्रवाई का शिकार बने संदिग्धों ने सीमा के पास मदरसों को कवर बनाकर कथित रूप से युवाओं को भड़काने और लॉजिस्टिक्स सप्लाई का काम किया था। मुख्य गिरफ्तारियां इस प्रकार:
- अयूब (45 वर्ष, पुत्र गफ्फार): जोधपुर के चौखा इलाके में अरेबिया मदरसे से जुड़े। ATS-IB की संयुक्त टीम ने उसके आवास पर दबिश देकर हिरासत में लिया। शुरुआती तलाशी में चंदे की रसीदें और मोबाइल डेटा जब्त।
- मसूद (पुत्र अनवर): पीपाड़ क्षेत्र का निवासी, जो फरार होने की फिराक में था। ATS के सघन सर्च में पकड़ा गया। उसके पास से संभावित एन्क्रिप्टेड मैसेज मिले।
- तीसरा संदिग्ध (नाम गोपनीय): जालौर के सांचोर से, जो पाक बॉर्डर से महज किलोमीटर दूर है। स्थानीय मदरसे से ही उठाया गया। जांच में उसके पाक लिंक्स उजागर हो रहे हैं।
इनके अलावा, जैसलमेर के BSF मुरार पोस्ट के आसपास एक युवक को संदिग्ध पाया गया। शुरुआती पूछताछ के बाद उसे राजस्थान पुलिस के हवाले कर दिया गया। ये गिरफ्तारियां सीमा सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं, जहां हाल के महीनों में कई ऐसी गतिविधियां पकड़ी गईं।
जांच का केंद्र: ग्लोबल आतंकी चेन से कनेक्शन
संदिग्धों पर ISIS जैसे वैश्विक संगठनों से संपर्क और फंडिंग के जरिए चंदा जुटाने का गंभीर आरोप है। उनके संस्थानों का इस्तेमाल कथित तौर पर रेडिकलाइजेशन कैंप या सामग्री वितरण के लिए हो रहा था। बरामद सामान में:
- चंदे की लिस्ट और ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड
- मोबाइल फोन से डिलीटेड चैट्स और कॉन्टैक्ट्स
- प्रोपगैंडा लिटरेचर, जो पाकिस्तान से प्रेरित लग रहा
गृह मंत्रालय के सुपरविजन में NIA पूछताछ चला रही है। IB के इनपुट्स से साफ है कि ये तत्व सीमा पार से निर्देश ले रहे थे, और यह साजिश बड़े हमले की तैयारी का हिस्सा हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी कार्रवाइयां सीमा राज्यों में बढ़ते खतरे को काबू करने में कारगर साबित होंगी।
बड़ा संदर्भ: राजस्थान में बढ़ती सतर्कता
यह घटना राजस्थान के पश्चिमी सीमांतों पर आतंकी घुसपैठ के खतरे को रेखांकित करती है। याद रहे, हाल ही में दूंगरपुर में जैश-ए-मोहम्मद से लिंक्ड एक मौलवी की गिरफ्तारी हुई थी, जो इसी पैटर्न की याद दिलाती है। NIA की पिछली छापेमारियां, जैसे चित्तौड़गढ़ IED केस या झालावाड़ हिजब-ut-तहरीर मॉड्यूल, इसी दिशा में हैं। सुरक्षा बल अब हाई अलर्ट पर हैं, और अगले कुछ दिनों में और खुलासे संभव।
किसान, पर्यटक और स्थानीय निवासियों से अपील है कि संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत सूचित करें। यह ऑपरेशन न केवल तात्कालिक खतरे को रोका, बल्कि लंबे समय के लिए सुरक्षा कवच मजबूत करेगा।
