जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर मंगलवार को एक दर्दनाक हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया। एक निजी एसी स्लीपर बस में अचानक आग लगने से 19 यात्री जिंदा जल गए, जबकि जोधपुर ले जाए गए घायलों में से एक और युवक ने दम तोड़ दिया। इस तरह इस भयावह हादसे में अब तक 20 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। हादसे में गंभीर रूप से झुलसे 16 अन्य यात्रियों को जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
हादसे का कारण और स्थिति
जानकारी के अनुसार, बस में कुल 57 यात्री सवार थे और यह जोधपुर की ओर जा रही थी। प्रारंभिक जांच में हादसे की वजह बस के पीछे लगे एसी यूनिट में शॉर्ट सर्किट को बताया जा रहा है। आग लगते ही बस का दरवाजा स्वचालित रूप से लॉक हो गया, जिसके कारण यात्री बाहर नहीं निकल सके। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी भीषण थी कि कोई भी बस के पास नहीं पहुंच सका। स्थानीय लोगों ने पानी के टैंकर से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका।
नेताओं ने जताया शोक, पीएम ने की आर्थिक मदद की घोषणा
इस हृदयविदारक घटना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित कई नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने हादसे को अत्यंत दुखद बताते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने लिया हालात का जायजा
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हादसे की सूचना मिलते ही जयपुर से विशेष विमान के जरिए जैसलमेर पहुंचकर जली हुई बस का निरीक्षण किया। इसके बाद वे जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल गए, जहां उन्होंने घायलों का हालचाल जाना और चिकित्सकों को समुचित इलाज के निर्देश दिए।
पोकरण विधायक ने की पुष्टि
पोकरण विधायक प्रताप पुरी ने हादसे में 20 लोगों की मौत की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि 19 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य यात्री ने जोधपुर ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया।
आगे की जांच जारी
इस हादसे ने बसों में सुरक्षा मानकों और आपातकालीन व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है ताकि हादसे के सटीक कारणों का पता लगाया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
