जयपुर : राजस्थान में जल जीवन मिशन (JJM) की सुस्त गति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी का गंभीर आरोप लगाया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए गहलोत ने दावा किया कि राज्य में ‘लूट और झूठ’ का राज चल रहा है, जिसकी वजह से महत्वाकांक्षी योजना ठप्प पड़ी हुई है। उन्होंने जल शक्ति मंत्री के 11 अक्टूबर को राजस्थान दौरे पर उनसे सीधे सवाल पूछने का ऐलान किया है।
आंकड़ों पर सवाल: कांग्रेस vs भाजपा का तुलनात्मक विश्लेषण
गहलोत ने अपने पोस्ट में आंकड़ों के सहारे भाजपा सरकार की नाकामी उजागर की। उन्होंने बताया कि कांग्रेस शासनकाल में 2022-23 में 13.88 लाख और 2023-24 में 12.17 लाख नल कनेक्शन प्रदान किए गए थे। वहीं, भाजपा सरकार ने 2024-25 के लिए 25 लाख कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा, लेकिन अब तक केवल 9.44 लाख ही जुड़ पाए हैं।
| वर्ष | कांग्रेस सरकार (कनेक्शन) | भाजपा सरकार (कनेक्शन) |
|---|---|---|
| 2022-23 | 13.88 लाख | – |
| 2023-24 | 12.17 लाख | – |
| 2024-25 | – | 9.44 लाख (लक्ष्य: 25 लाख) |
चालू वर्ष में और गिरावट: 20 लाख का लक्ष्य, मात्र 97 हजार हकीकत
पूर्व सीएम ने आगे कहा कि 2025-26 के लिए 20 लाख नए कनेक्शन देने की घोषणा के बावजूद, बजट वर्ष के पहले छह महीनों में केवल 97 हजार ही जारी हो सके। इस गति से पूरे साल में महज 2 लाख कनेक्शन जुड़ने का अनुमान है, जो वादे से बहुत कम है। गहलोत ने इसे भाजपा की ‘झूठी राजनीति’ का सबूत बताया और डबल इंजन सरकार के दावों पर सवाल उठाए।
PHED में भ्रष्टाचार का आरोप: डबल चार्ज और APO का खेल
गहलोत ने योजना की असफलता का ठीकरा PHED विभाग के अधिकारियों पर फोड़ा। उन्होंने दावा किया कि चहेतों को डबल चार्ज देकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। विभाग में 6 एडिशनल चीफ इंजीनियर, 3 सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर और 17 XEN (एक्जीक्यूटिव इंजीनियर) को लंबे समय से APO (अवेटिंग पोस्टिंग ऑर्डर) पर रखा गया है, जिससे कार्यान्वयन प्रभावित हो रहा है।
“डबल इंजन सरकार के बावजूद योजना क्यों लटकी? यह सवाल मंत्री जी से जरूर पूछेंगे,” गहलोत ने पोस्ट में लिखा।
राजनीतिक बहस तेज: कांग्रेस का हमला, भाजपा की चुप्पी
यह आरोप राजनीतिक घमासान को और भड़ाने का कारण बन सकता है। कांग्रेस इसे जनता के पानी के अधिकार पर हमला बता रही है, जबकि भाजपा सरकार की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। गहलोत की अपील से ग्रामीण इलाकों में योजना की स्थिति पर फिर से बहस छिड़ गई है।
