भरतपुर में कफ सिरप संकट: 6 और बच्चे बीमार, केंद्र की चेतावनी, स्वास्थ्य मंत्री ने झाड़ा पल्ला

राजस्थान के भरतपुर जिले में डेक्सट्रोमेथॉर्फन युक्त कफ सिरप ने एक बार फिर मासूमों की जान खतरे में डाल दी। सेवर के सिगलीगर मोहल्ले में छह और बच्चों की तबीयत बिगड़ने की खबर ने हड़कंप मचा दिया है। यह सिरप, जो सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा योजना के तहत दी गई थी, बच्चों के लीवर और दिमाग पर गहरा असर डाल रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो साल से कम उम्र के बच्चों को ऐसी दवाएं न देने की सख्त हिदायत दी है, जबकि राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने जांच का हवाला देकर जिम्मेदारी अभिभावकों पर डाल दी।

बच्चों पर जहर का साया: बेहोशी से लेकर कोमा तक

सिगलीगर मोहल्ले की रहने वाली दीपा (बदला हुआ नाम) ने बताया कि 20 सितंबर को उनके बच्चों—एक साल की नोबिता और तीन साल के देवराज—को खांसी-जुकाम के लिए उप जिला अस्पताल ले गई थीं। वहां डॉक्टर ने डेक्स कफ सिरप दी। पहली खुराक के बाद दोनों बच्चे अचानक बेहोश हो गए। “मुझे लगा मेरे बच्चे चले गए। जनाना अस्पताल में डॉक्टरों ने बताया कि सिरप उनके लीवर और दिमाग को नुकसान पहुंचा रहा है,” दीपा ने रोते हुए कहा। दोनों बच्चों को 23 सितंबर को छुट्टी मिली, लेकिन होश पूरी तरह 24 तारीख को लौटा।

इसी मोहल्ले के सात साल की कोसी और 12 साल के रूपेंद्र भी उसी सिरप के बाद बेहोशी का शिकार हुए। वहीं, स्थानीय हेयरड्रेसर राहुल ने बताया कि उनके छह साल के बेटे भगीरथ और चार साल के भतीजे युवराज को भी यही सिरप दी गई। “डॉक्टर ने जैसा बताया, वैसा किया। लेकिन दवा ने बच्चों को बीमार कर दिया। प्राइवेट अस्पताल में इलाज से वे बचे,” राहुल ने कहा। सभी छह बच्चों की हालत अब स्थिर है, लेकिन परिवारों में डर का माहौल है।

केंद्र का अलर्ट, राज्य का बचाव

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की, जिसमें दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी-जुकाम की दवाएं न देने की सलाह दी गई। डेक्सट्रोमेथॉर्फन को बच्चों के लिए खतरनाक बताया गया, जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। राजस्थान में इस सिरप से जुड़ी 12 मौतों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें भरतपुर और सीकर के मामले शामिल हैं।

स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दावे को खारिज करते हुए कहा, “हमने 22 बैचों की जांच की। कोई जहरीला तत्व नहीं मिला। अभिभावकों ने बिना सलाह के दवा दी, इसमें विभाग की गलती नहीं।” उन्होंने मध्य प्रदेश के समान मामलों का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर सतर्कता की बात कही। हालांकि, स्थानीय लोग इस जवाब से संतुष्ट नहीं। एक अभिभावक ने कहा, “सरकारी दवा पर भरोसा करें तो बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। अब किस पर यकीन करें?”

सोशल मीडिया पर उबाल, विपक्ष का हमला

एक्स पर #BharatpurSyrupCrisis ट्रेंड कर रहा है। पत्रकार संजय शर्मा ने लिखा, “भरतपुर में सरकारी दवा से 6 और बच्चे बीमार। सरकार जांच का ढोंग कर रही है।” कांग्रेस नेता जितेंद्र भाटी ने ट्वीट किया, “मासूमों की जान से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं। दोषियों पर कार्रवाई हो, मुआवजा दो।” मेडिकल विशेषज्ञ डॉ. रमेश मीणा ने चेतावनी दी कि डेक्सट्रोमेथॉर्फन छोटे बच्चों के लिए प्रतिबंधित होना चाहिए।