राजस्थान हाई कोर्ट में SI भर्ती रद्द करने की याचिका पर सुनवाई: राज्य सरकार का बड़ा कदम, 5 जुलाई को पेश किया आवेदन

जयपुर | TharToday.com
राजस्थान में सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती 2021 को लेकर चल रहे विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। राजस्थान हाई कोर्ट में इस भर्ती को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई शुरू हो गई है, जिसमें राज्य सरकार ने 5 जुलाई 2025 को एक महत्वपूर्ण आवेदन पेश किया है। यह मामला पिछले कई महीनों से चर्चा में है, क्योंकि भर्ती प्रक्रिया में कथित पेपर लीक और अनियमितताओं के आरोपों ने इसे विवादास्पद बना दिया है।
सुनवाई का ताजा अपडेट
हाई कोर्ट की एकलपीठ, जिसकी अगुवाई जस्टिस समीर जैन कर रहे हैं, ने इस मामले पर गहन सुनवाई शुरू की। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता (एडवोकेट जनरल) राजेंद्र प्रसाद ने कोर्ट में पेश होकर अपनी दलीलें रखीं। सरकार ने अपनी ओर से एक प्रार्थना पत्र दायर किया, जिसमें याचिका को “सारहीन” करार देते हुए इसे खारिज करने की मांग की गई है। सरकार का तर्क है कि भर्ती को रद्द करने का निर्णय पहले से ही मूल याचिका में शामिल था, इसलिए अलग से इस पर विचार करना अनावश्यक है।
सरकार का रुख और कमेटी की रिपोर्ट
राज्य सरकार ने अपनी दलील में कहा कि कैबिनेट सब-कमेटी ने भर्ती को रद्द न करने की सिफारिश की है, जिसे मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्वीकार कर लिया है। गत 1 जुलाई को पेश की गई सब-कमेटी की रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया कि भर्ती प्रक्रिया को अभी रद्द करना जल्दबाजी होगी, क्योंकि एसआईटी (विशेष जांच टीम) मामले की जांच जारी रखे हुए है। सरकार का कहना है कि जांच पूरी होने तक स्थिति स्पष्ट नहीं की जा सकती। इसके अलावा, चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग भी चल रही है, जिसे रद्द करने से उनके भविष्य पर असर पड़ेगा।
याचिकाकर्ताओं का विरोध
दूसरी ओर, याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने सरकार के तर्कों का विरोध किया। उन्होंने कहा कि भर्ती में बड़े स्तर पर पेपर लीक हुआ और गोपनीयता भंग हुई, जिसके साक्ष्य एसओजी (विशेष संचालन समूह) की जांच में भी सामने आए हैं। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि सरकार ने पुरानी रिपोर्टों को दबाकर रखा और कोर्ट के बार-बार पूछने पर ही स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने मांग की कि भर्ती को पूरी तरह रद्द किया जाए ताकि निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।
कोर्ट का सख्त रुख
हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकार से कई सवाल पूछे। कोर्ट ने पूछा कि क्या भर्ती की गोपनीयता और शुचिता भंग हुई है, और यदि हां, तो सरकार ने इस पर क्यों कार्रवाई नहीं की। साथ ही, कोर्ट ने सरकार से यह भी स्पष्ट करने को कहा कि जांच से जुड़ी नोटशीट और फाइलें क्यों सार्वजनिक नहीं की गईं। महाधिवक्ता की बहस अधूरी रहने के कारण सुनवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
पृष्ठभूमि और विवाद
SI भर्ती 2021 में लगभग 859 पदों के लिए प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन पेपर लीक की शिकायतों के बाद यह विवादों में आ गई। एसओजी ने 80 से अधिक आरोपियों, जिसमें भर्ती के टॉपर नरेश खिलेरी समेत 51 ट्रेनी SI शामिल हैं, को गिरफ्तार किया। इस मामले में ईडी ने भी जांच शुरू कर दी है, और दो मुख्य आरोपियों से पूछताछ की अनुमति PMLA कोर्ट से मिल चुकी है। कई अभ्यर्थी और संगठन लंबे समय से भर्ती रद्द करने की मांग कर रहे हैं, जबकि चयनित अभ्यर्थी इसका विरोध कर रहे हैं।
आगे की राह
अब सभी की निगाहें मंगलवार की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां कोर्ट इस मामले में अगला कदम उठा सकता है। यदि सरकार अपनी दलीलें मजबूत नहीं कर पाती, तो कोर्ट स्वयं फैसला लेने की चेतावनी दे चुका है। इस बीच, अभ्यर्थियों में असमंजस और आक्रोश दोनों देखने को मिल रहे हैं।

लेखक: TharToday.com टीम