लूणकरणसर: बीकानेर जिले के लूणकरणसर थाना क्षेत्र में मानवता को करारा झटका देने वाली घटना सामने आई है। कालबास गांव के पास आज सुबह लगभग 8 बजे झाड़ियों के बीच एक नवजात बच्ची को फेंके हुए पाया गया। बच्ची के रोने की आवाज पर स्थानीय टाइगर फोर्स के सदस्य महिपाल सिंह अपनी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे और उसे सुरक्षित निकालकर निकटतम अस्पताल ले गए। डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची की हालत स्थिर है, लेकिन विस्तृत जांच जारी है।
घटना की जानकारी मिलते ही इलाके में सनसनी फैल गई। स्थानीय निवासियों के अनुसार, बच्ची का जन्म कुछ ही घंटे पहले हुआ प्रतीत होता है, क्योंकि उसके शरीर पर नाल की डोर अभी जुड़ी हुई थी। टाइगर फोर्स के महिपाल सिंह ने बताया, “हम सुबह रूटीन गश्त पर थे, तभी दूर से एक कमजोर रोने की आवाज सुनाई दी। झाड़ियों की ओर दौड़े तो वहां एक मासूम बच्ची पड़ी हुई थी। बिना वक्त गंवाए हमने उसे कंबल में लपेटा और सीधे अस्पताल पहुंचाया। बच्ची को देखकर दिल दहल गया, लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी।”
अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने बच्ची को तुरंत ऑक्सीजन और प्राथमिक उपचार प्रदान किया। पीडियाट्रिक वार्ड के डॉ. रमेश जोशी ने जानकारी देते हुए कहा, “बच्ची का वजन करीब 2.5 किलोग्राम है और वह सांस लेने में सक्षम है। हालांकि, संक्रमण से बचाव के लिए एंटीबायोटिक्स दिए जा रहे हैं। परिवार नियोजन और महिला सशक्तिकरण की योजनाओं के बावजूद ऐसी अमानवीय घटनाएं समाज के लिए चिंता का विषय हैं।”
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है। लूणकरणसर थाना प्रभारी ने बताया कि बच्ची के माता-पिता या संभावित आरोपी की तलाश के लिए आसपास के सीसीटीवी फुटेज और गवाहों से पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जांच में संदेह है कि यह कन्या भ्रूण हत्या या सामाजिक दबाव से प्रेरित अपराध हो सकता है। चाइल्डलाइन टीम को भी सूचित कर दिया गया है, जो बच्ची के भविष्य के संरक्षण की व्यवस्था करेगी।
यह घटना राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में लिंग आधारित भेदभाव की कड़वी सच्चाई को उजागर करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि जागरूकता अभियान और सख्त कानूनी कार्रवाई से ही ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है। टाइगर फोर्स की त्वरित कार्रवाई ने न केवल एक जिंदगी बचाई, बल्कि समाज को एकजुट होने का संदेश भी दिया है। फिलहाल, बच्ची अस्पताल में निगरानी में है, और उसके स्वस्थ होने की कामना सभी कर रहे हैं।
