श्रीगंगानगर : राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के खिलाफ पुलिस की मुहिम तेज हो गई है। जिला पुलिस ने गैंग के दो प्रमुख सदस्यों—कार्तिक जाखड़ और कपिस फूटेला—को दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र से उत्पादन वारंट पर गिरफ्तार कर यहां ला पहुंचाया है। दोनों आरोपियों को जवाहर नगर थाने में दर्ज दो आपराधिक मामलों के सिलसिले में सघन पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। यह कार्रवाई गैंग की रंगदारी वसूली और हिंसक गतिविधियों के नेटवर्क को नेस्तनाबूद करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
फिरौती और फायरिंग के आरोप: प्रॉपर्टी डीलर राजू कथूरिया मामला
जानकारी के अनुसार, कार्तिक जाखड़ पर प्रॉपर्टी कारोबारी राजू कथूरिया से जबरन वसूली की मांग करने और उसके प्रतिष्ठान पर फायरिंग करने का प्रमुख आरोप है। यह घटना हाल ही में घटी थी, जिसके बाद जवाहर नगर थाने में लॉरेंस गैंग के खिलाफ सख्त मुकदमा दर्ज किया गया। दूसरी ओर, 26 वर्षीय कपिस फूटेला को गैंग के सदस्यों को ‘डिब्बा कॉल’ (एन्क्रिप्टेड या सुरक्षित संचार माध्यम) के जरिए संपर्क कराने का जिम्मेदार माना जा रहा है। फूटेला कोतवाली थाना क्षेत्र का निवासी है, जबकि जाखड़ रावला तहसील के गांव 2 KLM का रहने वाला है। पुलिस का दावा है कि ये दोनों गैंग की संचार व्यवस्था और वसूली चेन के महत्वपूर्ण कड़ी थे।
एसपी अमृता दुहन की सख्ती: खुद थाने पहुंचीं, घंटों चली पूछताछ
पिछले कुछ महीनों से श्रीगंगानगर में लॉरेंस गैंग के गुर्गों द्वारा रंगदारी मांगने और फायरिंग की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे स्थानीय व्यापारी और आमजन में दहशत का माहौल है। जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन ने इस खतरे को भांपते हुए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। रविवार को उन्होंने खुद जवाहर नगर थाने का दौरा किया और आरोपियों से कई घंटों तक कड़ी पूछताछ की। एसपी दुहन ने बताया कि पूछताछ में गैंग की आर्थिक धमनियों और हथियार आपूर्ति के सुराग मिले हैं, जो आगे की कार्रवाई में मददगार साबित होंगे।
गैंग की जड़ें उखाड़ने का अभियान: फंडिंग और डिब्बा कॉल रैकेट पर फोकस
पुलिस का मुख्य लक्ष्य लॉरेंस बिश्नोई गैंग की रंगदारी वसूली का पूरा नेटवर्क ध्वस्त करना है। अभियान के तहत ‘डिब्बा कॉल’ रैकेट—जिसके जरिए गैंग सदस्य सुरक्षित रूप से निर्देश देते हैं—और फंडिंग ट्रेल को ट्रैक किया जा रहा है। हाल ही में 10 सितंबर को श्रीगंगानगर पुलिस ने गैंग के वित्तीय स्रोतों का पता लगाने के लिए पंजाब और बीकानेर तक फैली छापेमारी की थी। इसमें लॉरेंस के पैतृक गांव दूतावाली, रोहित गोदारा के गांव तेजाना, अमित पंडित के गांव 15Z, कार्तिक जाखड़ के गांव 1KLD और विशाल पचार के ठिकानों पर दबिश दी गई। इन छापों से हवाला नेटवर्क और विदेशी फंड ट्रांसफर के सुराग हाथ लगे, जो गैंग के अंतरराष्ट्रीय कनेक्शनों को उजागर करते हैं।
राजस्थान में ताबड़तोड़ कार्रवाई: व्यापारी और प्रभावशाली लोग निशाने पर
राजस्थान पुलिस की यह मुहिम पूरे राज्य स्तर पर चल रही है। बीकानेर, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जैसे सीमावर्ती जिलों में गैंग के ठिकानों पर लगातार दबिशें दी जा रही हैं। खुफिया जानकारी के मुताबिक, लॉरेंस और रोहित गोदारा गैंग के निशाने पर बड़े व्यापारी, क्रिकेट बुकमेकर और स्थानीय प्रभावशाली व्यक्ति हैं। हाल ही में हनुमानगढ़ के संगरिया में व्यापारी विकास जैन की हत्या का खुलासा भी इसी गैंग से जुड़ा पाया गया, जिसमें एक शार्प शूटर गिरफ्तार हुआ। पुलिस ने चेतावनी जारी की है कि गैंग के किसी भी सदस्य को छिपने का मौका नहीं दिया जाएगा।
श्रीगंगानगर पुलिस ने जनता से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत हेल्पलाइन 100 या 112 पर दें। यह अभियान न केवल अपराध दर घटाएगा, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्र में शांति बहाल करने में भी सहायक सिद्ध होगा। आगे की पूछताछ जारी है, और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
