झुंझुनूं में सड़क उद्घाटन से पहले ही बह गई: घटिया निर्माण पर उठे सवाल, ग्रामीणों में आक्रोश

झुंझुनूं, राजस्थान – झुंझुनूं जिले के बाघोली क्षेत्र में हाल ही में बनी बाघोली-जहाज सड़क मानसून की पहली बारिश में ही बह गई। यह सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग-52 (NH-52) को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण लिंक थी, जिससे पापड़ा और पंचलगी जैसे गांवों को सीधी कनेक्टिविटी मिलती थी। उद्घाटन से पहले ही बह जाने की इस घटना ने न केवल प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया है, बल्कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

घटना की स्थिति

बारिश के चलते काटली नदी में तेज बहाव आया, जिससे नई बनी सड़क का एक बड़ा हिस्सा बह गया। हादसे में लगभग 30–35 फीट गहरा गड्ढा बन गया है, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया। यह सड़क अभी उद्घाटित भी नहीं हुई थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि निर्माण गुणवत्ता बेहद खराब रही।

ग्रामीणों में नाराजगी और सवाल

ग्रामीणों का कहना है कि सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया, जिससे यह पहली बारिश भी नहीं झेल पाई। अब पापड़ा और पंचलगी जैसे गांवों के लोग वैकल्पिक और असुरक्षित रास्तों से आने-जाने को मजबूर हैं। लोगों ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

प्रशासन और ठेकेदार पर सवाल

स्थानीय लोगों ने प्रशासन की चुप्पी पर नाराजगी जताई है और ठेकेदार पर घटिया निर्माण करने का आरोप लगाया है। कई लोगों का कहना है कि ठेकेदार और कुछ जिम्मेदार अधिकारी घटना के बाद मौके से गायब हो गए।

विशेषज्ञों की राय

सिविल इंजीनियरों का मानना है कि जलनिकासी और बेस स्ट्रक्चर की तकनीकी खामियों के कारण यह नुकसान हुआ है। काटली नदी जैसी जलधारा के किनारे बनाई जाने वाली सड़कों को बाढ़-प्रतिरोधी डिजाइन की आवश्यकता होती है, जिसे नजरअंदाज किया गया।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

कुछ स्थानीय नेताओं ने इस घटना को क्षेत्र की राजनीति से जोड़ते हुए कहा कि वर्षों से एक ही परिवार की राजनीति के कारण झुंझुनूं में विकास ठप रहा है।

अन्य जिलों में भी सवाल

यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले अलवर और झुंझुनूं के NH-52 मार्ग पर भी सड़कें धंसने और टूटने की खबरें आ चुकी हैं। यह दर्शाता है कि पूरे प्रदेश में सड़क निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है।


निष्कर्ष और मांगें

सड़क का पुनर्निर्माण विशेषज्ञों की निगरानी में हो।

दोषी ठेकेदारों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

निर्माण में उच्च गुणवत्ता की सामग्री और बाढ़-प्रतिरोधी डिजाइन को प्राथमिकता मिले।

यह घटना केवल एक सड़क के बहने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राजस्थान में सार्वजनिक निर्माण कार्यों की असल तस्वीर को उजागर करती है। समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो ऐसी घटनाएं आम हो जाएंगी।


लेखक: TharToday.com टीम
तिथि: 8 जुलाई 2025