डूंगरपुर: राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कड़े निर्देश दे रहे हैं, लेकिन गंगापुर सिटी के तलवाड़ा तहसील क्षेत्र में जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है। प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) देवीलाल मीणा के औचक निरीक्षण ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की लापरवाही और बदहाल व्यवस्था को उजागर किया है।
सुबह 7:30 बजे स्कूल पर ताला
DEO देवीलाल मीणा ने तलवाड़ा तहसील के कुनकटा कला पंचायत के कड़ी गांवड़ी स्कूल का सुबह 7:30 बजे दौरा किया। स्कूल के गेट पर ताला लटका था, और बच्चे बाहर इंतजार करते नजर आए। आधा घंटा इंतजार करने के बाद भी कोई शिक्षक नहीं पहुंचा। निराश बच्चे घर लौटने लगे। मीणा ने PEEO से संपर्क किया, तो पता चला कि कोई शिक्षक छुट्टी पर नहीं था।
देर से पहुंचीं शिक्षिकाएं, जवाब नहीं
सुबह 8 बजे दो शिक्षिकाएं—प्रभारी प्रधानाध्यापिका शाहिना परवीन और कलावती मीणा—स्कूल पहुंचीं। DEO के देरी का कारण पूछने पर उनके पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं था। स्कूल के अंदर भी स्थिति खराब मिली। छात्रों का शैक्षिक स्तर कमजोर था, और नए सत्र में नामांकन में केवल 10% वृद्धि हुई। DEO ने तुरंत कार्रवाई करते हुए शाहिना परवीन को 17 CCA नियमों के तहत चार्जशीट और कलावती मीणा को नोटिस जारी किया। साथ ही, भविष्य में लापरवाही न दोहराने की चेतावनी दी।
अन्य स्कूलों में भी खामियां
यह समस्या केवल एक स्कूल तक सीमित नहीं थी। DEO ने राजकीय महात्मा गांधी विद्यालय नानन वास का भी दौरा किया, जहां दो कमरे क्षतिग्रस्त मिले और नामांकन की स्थिति खराब थी। मीणा ने कहा, “शिक्षा के मंदिर में शिक्षकों की ऐसी लापरवाही अस्वीकार्य है। अगर शिक्षक समय पर नहीं आएंगे, तो बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे मिलेगी?”
प्रमुख सवाल और जवाब
- 17 CCA नियम क्या है?
यह राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1958 के तहत कर्मचारियों के खिलाफ गंभीर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान है, जिसमें चार्जशीट जारी होती है। - सरकारी स्कूल का समय?
राजस्थान में गर्मियों में सरकारी स्कूल सुबह 7:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक चलते हैं। - शिक्षकों की देरी का असर?
शिक्षकों की देरी से बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है, अनुशासनहीनता बढ़ती है, और उनके भविष्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। - शिक्षा सुधार के उपाय?
नियमित निरीक्षण, लापरवाह शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई, स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाना, और माता-पिता व शिक्षकों का बेहतर तालमेल जरूरी है।
शिक्षा व्यवस्था पर सवाल
यह घटना राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है। जब शिक्षा मंत्री सुधार की बात करते हैं, तो ऐसे मामले सवाल उठाते हैं कि क्या जमीनी स्तर पर बदलाव हो रहा है? DEO के निरीक्षण ने स्पष्ट किया कि बिना सख्ती और जवाबदेही के शिक्षा का स्तर सुधारना मुश्किल है।
