भिवानी: हरियाणा के भिवानी जिले के लोहारू थाना क्षेत्र में 18 साल की प्ले स्कूल शिक्षिका मनीषा की हत्या ने पूरे क्षेत्र में सनसनी मचा दी है। इस मामले में पुलिस की कथित लापरवाही को लेकर जनता का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सरकार ने विवाद को शांत करने के लिए भिवानी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मनबीर सिंह को हटा दिया और उनकी जगह सुमित कुमार को नया एसपी नियुक्त किया है। इसके अलावा, लोहारू थाने के प्रभारी अशोक, असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर शकुंतला, इमरजेंसी रिस्पॉन्स व्हीकल (ERV) टीम के ASI अनूप, कॉन्स्टेबल पवन और विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) धर्मेंद्र को निलंबित कर दिया गया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा
मनीषा की हत्या 11 अगस्त 2025 को हुई थी, और उसका शव 13 अगस्त को भिवानी के सिंहानी गांव में एक खेत के पास नहर के किनारे मिला। नागरिक अस्पताल, भिवानी में बुधवार (13 अगस्त) को शव का पोस्टमार्टम किया गया। फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. गोपाल शर्मा के अनुसार, शव सड़ने की स्थिति में था, जिससे यह अनुमान लगाया गया कि हत्या 11 अगस्त को ही कर दी गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया कि मनीषा की गर्दन की त्वचा, मांसपेशियां और हड्डियां गायब थीं, जिसके बारे में माना जा रहा है कि शव को जानवरों ने नोचा होगा। यह भी स्पष्ट नहीं हो सका कि हत्या में किसी तेजधार हथियार का उपयोग किया गया था या नहीं। रेप की आशंका को देखते हुए सैंपल फोरेंसिक जांच के लिए लैब भेजे गए हैं, और अंतिम कारण की पुष्टि के लिए विसरा रिपोर्ट का इंतजार है।
परिवार और ग्रामीणों ने पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं, उनका दावा है कि यह पूरी तरह से पारदर्शी नहीं था। परिवार ने शव लेने से इनकार कर दिया और मांग की कि एक अलग मेडिकल बोर्ड द्वारा दोबारा पोस्टमार्टम किया जाए।
मनीषा हत्याकांड का पूरा मामला
मनीषा, जो ढाणी लक्ष्मण गांव की निवासी थी, एक निजी प्ले स्कूल में शिक्षिका थी। 11 अगस्त को वह सिंहानी गांव में एक नर्सिंग कॉलेज में बीएससी नर्सिंग कोर्स में दाखिले की जानकारी लेने गई थी। शाम तक जब वह घर नहीं लौटी, तो उसके पिता संजय ने डायल-112 के जरिए पुलिस को सूचित किया। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने शुरू में उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और कहा कि “वह किसी के साथ भाग गई होगी और दो दिन में लौट आएगी।”
पुलिस ने परिवार के साथ नर्सिंग कॉलेज में जांच की, जहां तीन नशे में धुत व्यक्तियों से पूछताछ की गई। इन व्यक्तियों ने मनीषा को देखने से इनकार किया और बताया कि कॉलेज दोपहर 1 बजे बंद हो गया था। 13 अगस्त को एक किसान ने सिंहानी में नहर के पास खेत में मनीषा का शव देखा, जिसके बाद पुलिस ने उसे पहचाना। मनीषा की गर्दन कटी हुई थी, और शरीर पर चोट के निशान थे।
जनता का आक्रोश और प्रदर्शन
मनीषा की हत्या के बाद भिवानी और आसपास के क्षेत्रों में व्यापक आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों ने दिल्ली-पिलानी रोड को ब्लॉक कर दिया और धिगावा मंडी के पास महापंचायत का आयोजन किया। शनिवार और रविवार को स्थानीय व्यापारियों ने बाजार बंद रखकर विरोध जताया। परिवार और प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि जब तक सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक मनीषा का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
सिवानी में हजारों किसानों, व्यापारियों और महिलाओं ने बस स्टैंड से तहसील कार्यालय तक मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने सीबीआई जांच, परिवार को 1 करोड़ रुपये मुआवजा और फास्ट-ट्रैक कोर्ट में मुकदमे की मांग की है। खाप नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि जल्दी न्याय नहीं मिला, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस मामले ने हरियाणा में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। विपक्षी दलों ने बीजेपी सरकार पर कानून-व्यवस्था की विफलता का आरोप लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सभी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जानी चाहिए। कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने इसे “कानून-व्यवस्था के पतन का स्पष्ट उदाहरण” बताया और पुलिस कार्रवाई को “दिखावा” करार दिया।
इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के नेता अभय सिंह चौटाला ने इसे बीजेपी की “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना पर “कलंक” बताया। आम आदमी पार्टी (AAP) के अनुराग ढांडा ने कहा कि हरियाणा में अपराधी बेखौफ हो गए हैं और सरकार “मूकदर्शक” बनी हुई है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दावा किया कि वह स्वयं जांच की निगरानी कर रहे हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। राज्य की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने भी आश्वासन दिया कि सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
पुलिस ने मामले की जांच के लिए छह विशेष जांच टीमें (SIT) गठित की हैं। नए एसपी सुमित कुमार ने कहा कि पुलिस को कुछ सुराग मिले हैं और जल्द ही मामले का खुलासा होने की उम्मीद है। नर्सिंग कॉलेज के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है, लेकिन परिवार का आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन ने फुटेज देने में देरी की। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी हरियाणा के डीजीपी से इस मामले में जवाब मांगा है।
सामाजिक प्रभाव
मनीषा की सहेली पिंकी ने उसे “शांत और सभ्य” बताया और कहा कि यह विश्वास करना मुश्किल है कि कोई उसे नुकसान पहुंचा सकता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती, तो शायद मनीषा की जान बच सकती थी। यह मामला हरियाणा में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठा रहा है।
हरियाणा में 2025 के पहले छह महीनों में 4,100 से अधिक लोग लापता हुए हैं, और अपहरण के 1,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जो राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाते हैं।
